.. सिर्फ लक्ष्य पर निगाहें
रायबरेली सिर्फ लक्ष्य और कुछ नहीं। इसके लिए कितना समय लगता है। यह देखने की जरूरत नहीं ह
रायबरेली : सिर्फ लक्ष्य और कुछ नहीं। इसके लिए कितना समय लगता है। यह देखने की जरूरत नहीं है। तब तक पढ़ते रहे, जब तक तय लक्ष्य पूरा न हो जाए। हर दिन सात से आठ घंटे की पढ़ाई और सेल्फ स्टडी यही सफलता का मूलमंत्र है। ऑल इंडिया टॉप थ्री रैंक में शामिल अर्जित आलोक श्रीवास्तव ने जागरण से बातचीत के दौरान कुछ ऐसा ही कहा। वर्तमान में राजस्थान के कोटा से इंजीनियरिग की तैयारी कर रहे अर्जित से फोन पर बात की गई तो बड़ी ही बेबाकी से हर सवाल का जवाब दिया।
सवाल- कैसा महसूस कर रहे हैं।
जवाब- काफी अच्छी लग रहा है। इतनी खुशी मिली कि व्यक्त नहीं कर पा रहा हूं। घर से दूर हूं। सबकी याद आ रही है।
सवाल - सफलता का श्रेय किसे देना चाहते हैं।
जवाब - मम्मी-पापा और सभी शिक्षकों को। मम्मी-पापा सदैव प्रेरित करते रहे।
सवाल - सफलता के लिए कितने घंटे पढ़ाई की जरूरत है।
जवाब - इसका कोई समय नहीं होता है। स्कूल के बाद सेल्फ स्टडी करता था। हर घंटे छह से सात घंटे पढ़ाई की।
सवाल- आगे की क्या तैयारी है।
जवाब - अभी कोटा से इंजीनियरिग की तैयारी कर रहा हूं। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी करूंगा।
सवाल - अपने जूनियर को क्या संदेश देना चाहेंगे।
जवाब - कभी घड़ी की सूई की ओर न देखे। स्कूल में पढ़ने के बाद उसे घर पर जरूर दोहराए। पढ़ाई कितनी करनी यह लक्ष्य जरूर निर्धारित करे।
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