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रायबरेली नरसंहारः आइजी दफ्तर की टीम ने की अप्टा की बारीक पड़ताल

रायबरेली नरसंहार की जांच करने पहुंची आइजी दफ्तर की टीम ने अप्टा गांव में एक-एक चीज की बारीकी से पड़ताल की।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 13 Jul 2017 09:10 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jul 2017 09:10 PM (IST)
रायबरेली नरसंहारः आइजी दफ्तर की टीम ने की अप्टा की बारीक पड़ताल
रायबरेली नरसंहारः आइजी दफ्तर की टीम ने की अप्टा की बारीक पड़ताल

रायबरेली (जेएनएन)। मुख्यमंत्री की सख्ती और विधानसभा में अप्टा हत्याकांड को लेकर सवाल- जवाब होने पर गुरुवार को पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय का एक जांच दल रायबरेली पहुंचा। टीम ने ऊंचाहार कोतवाली से केस से जुड़े कागजात अपने कब्जे में ले लिए। जांच दल ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों को भी साक्ष्य संकलन के दौरान साथ नहीं लिया। आइजी आफिस से आई टीम में सीओ श्यामाकांत त्रिपाठी, सीओ प्रमोद सिंह और आइजी के जनसंपर्क अधिकारी आलोक पाठक शामिल थे। ये सभी अधिकारी आज 12 बजे ऊंचाहार कोतवाली पहुंचे। वारदात की प्राथमिकी से लेकर गिरफ्तारियों तक के साक्ष्य संकलन के साथ हर कार्रवाई की जांच की गई। सभी दस्तावेजों की छाया प्रति टीम ने सुरक्षित की। कोतवाली की जीडी में कब-कब रवानगी हुई और वापसी में क्या-क्या लिखा, इसकी छाया प्रति टीम अपने साथ ले गई है। हत्यारोपियों के विरुद्ध पूर्व में क्या-क्या शिकायतें रही हैं, इसकी भी पड़ताल की गई। साथ ही कोतवाल का अप्टा कांड पर बयान दर्ज किया गया। 

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घटनास्थल का जायजा,अधिकारियों को रखा दूर

कोतवाली में जरूरी साक्ष्य हासिल करने के बाद टीम अप्टा गांव पहुंची। यहां सबसे पहले घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। उसके बाद गांव में लोगों से घटनाक्रम के बारे में पूछताछ की गई। लेकिन, जो ग्रामीण टीम को मिले, वे कुछ बता नहीं पाए। टीम ने गांव की महिलाओं और बच्चों से हकीकत जानने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। वारदात के चश्मदीद टीम को नहीं मिले। जांच दल ने सिर्फ ऊंचाहार कोतवाल धनंजय सिंह को ही जांच के दौरान साथ रखा। अप्टा गांव और भुसई का पुरवा में लोगों के बयान लेते वक्त रायबरेली का कोई भी अधिकारी नहीं बुलाया गया। 26 जून को नरसंहार के बाद एसपी, सीओ व कोतवाल पहले ही हटाए जा चुके हैं। सिर्फ एएसपी ही बचे हैं, जो वारदात के बाद जांच करने मौके पर पहुंचे थे। उन्हें भी जांच दल ने सथ नहीं लिया। पुलिस अधीक्षक शिव हरि मीणा ने कहा कि आइजी आफिस से जांच टीम आई थी। अधिकारियों ने जांच की और वापस लखनऊ लौट गए। शासन स्तर से जांच कराई गई है। इसकी रिपोर्टिंग आइजी को की जाएगी। टीम को जांच में क्या मिले, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।

सपा-रालोद नेताओं को अप्टा जाने से रोका

रायबरेली के अप्टा गांव जा रहीं राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य व सपा नेत्री शीला सिंह, राष्ट्रीय लोकदल के नेता व पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल तथा वंश नारायण पटेल को गुरुवार को पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया। राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य व सपा नेत्री शीला सिंह गुरुवार को महिलाओं और सपा नेताओं को लेकर अप्टा गांव के लिए निकलीं लेकिन, पुलिस ने उन्हें रोक दिया। लखनऊ-इलाहाबाद हाईवे पर दरियापुर के निकट राष्ट्रीय लोकदल के नेता व पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल और वंश नारायण पटेल को पुलिस ने रोक लिया। सभी को भदोखर थाने ले जाया गया। यहां पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल ने भाजपा के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को निशाने पर लिया। बोले, पांच निर्दोषों की हत्या हो रही है और मरने वालों को अपराधी बताया जा रहा है। स्वामी ये सिद्ध करें कि मरने वाले पांचों युवक अपराधी थे अन्यथा अपने पद से त्यागपत्र दे दें। आम आदमी पार्टी की ओर से सीबीआइ जांच की मांग की गई है। जिला संयोजक बुद्धदेव सिकदार ने कहा कि हत्याकांड में कुछ भी बोलना अनुचित होगा। घटना की संपूर्ण जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की है। 


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