..अरे देखो कहां गई एसयूवी
रायबरेली डिग्री कॉलेज चौराहे पर शहीद चौक के निकट कई बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों लेक
रायबरेली : डिग्री कॉलेज चौराहे पर शहीद चौक के निकट कई बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों लेकर बड़े दलों के बड़े नेता तक मौजूद थे। सब धूप में पसीना बहा रहे थे। मगर, उनसे ज्यादा नजरें लोगों की उन वाहनों पर थीं, जो जिला पंचायत सदस्यों को लेकर आ रहीं थीं। एक भी वाहन पीछे छूट जाता तो खलबली बच जाती।
जिला पंचायत सभागार में अविश्वास प्रस्ताव की पहले बैठक और फिर मतदान होना था। प्रशासन ने डिग्री कॉलेज चौराहे से ही कचेहरी रोड को सील कर दिया था। सिर्फ जिला पंचायत सदस्यों को ही इंट्री मिल रही थी। हमले में घायल जिपं सदस्य राकेश अवस्थी को एंबुलेंस से लाया गया। इसी तरह अन्य कई सदस्यों को चार पहिया वाहनों से लाया गया। किसी से वाहन से दो तो किसी वाहन से तीन-तीन सदस्य बैठाकर लाए गए। एक भी वाहन या जिपं सदस्य कहीं छूट जाता तो सपा और कांग्रेस के नेताओं में खलबली मच जाती। कोई आए सदस्यों हुए सदस्यों की गिनती कर रहा था तो कोई छूटे सदस्यों के बारे में पता लगाता हुआ देखा गया।
प्रवेश के लिए करनी पड़ी जद्दोजहद
बछरावां से लेकर हरचंदपुर तक हुए हमलों के शिकार कई जिला पंचायत सदस्य सब कुछ झेलते हुए भी अविश्वास प्रस्ताव का हिस्सा बनने पहुंचे थे। हमलावरों से बचने की जद्दोजहद में तमाम सदस्यों का पहचान पत्र कहीं खो गया तो कोई जल्दी बाजी में उसे लाना ही भूल गया। उनका नाम पुलिस के पास मौजूद सूची में तो था, लेकिन आइकार्ड न होने के चलते उन्हें अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था। इसे लेकर भी कई बार यहां गहमागहमी का माहौल बना।
और जब मची भगदड़
शहीद चौक पर एएसपी शशि शेखर सिंह मोर्चा संभाले थे। वे माइक लेकर आक्रोशित लोगों को बैरियर और बैरीकेडिग के पीछे रहने की हिदायत दे रहे थे। इसी बीच किसी बात को लेकर सपा के एक नेता और पुलिस के बीच झड़प हो गई। सपाई गुस्सा भी चढ़ गया। भीड़ पुलिस की तरफ लपकी। पुलिस भी एक्शन मोड में आ गई। इससे लोगों में भगदड़ मच गई। कुछ देर के लिए बैरियर के आसपास सन्नाटा छा गया।
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