आदर्शो और सिद्धांतों केलिए शहीद हुए थे गुरु अरजन देव
रायबरेली सिखों के पंचम गुरु गुरु अरजन देव महाराज का 413वां शहीदी पर्व गुरु सिंह सभा और
रायबरेली : सिखों के पंचम गुरु गुरु अरजन देव महाराज का 413वां शहीदी पर्व गुरु सिंह सभा और फिरोज गांधी नगर गुरुद्वारा में श्रद्धा भाव से मनाया गया। सुबह सुखमनी साहिब, जपुजी साहिब का पाठ और कीर्तन हुआ। वहीं दोपहर में लंगर का आयोजन किया गया। इसमें समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
गुरुनानक नगर में पाठ कथा के बाद कीर्तन मुख्य ग्रंथी जगरूप सिंह, जनक सिंह हजूरी रागी भाई साहब भाई अमर सिंह, भाई साहब भाई राजवीर सिंह, श्रीगुरु गोविद सिंह स्टडी सर्किल के वीरों द्वारा हुआ जिसे सुनकर संगत निहाल हो गई। मुख्य ग्रंथी ने गुरुजी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरुजी अन्याय, अत्याचार के विरूद्ध आदर्शों व सिद्धांतों की रक्षा के लिए शहीद हुए थे। इसीलिए गुरुजी को शहीदों का सरताज कहा जाता है। गुरु जी का जन्म 15 अप्रैल 1563 को अमृतसर के निकट एक गांव में हुआ था
1588 में स्वर्ण मंदिर के सरोवर का कार्य पूरा होने के बाद स्वर्ण मंदिर की नींव एक मुसलमान पीर से रखवाई। इस दौरान दोनों गुरुद्वारों में स्त्री सत्संग की ओर से सुखमनी साहब के पाठ 40 दिनों तक बहुत ही श्रद्धा भाव से किए गए। पाठ की समाप्ति के बाद अरदास व लंगर का आयोजन हुआ। जगह-जगह छबील (शरबत) का प्रसाद वितरण भी हुआ। इस मौके पर त्रिलोचन सिंह नरूला, हरविदर सिंह, सुरेंद्र सिंह मोंगा, पापिदर सिंह सलूजा, गुरबक्स सिंह बग्गा, गुरमीत सिंह मोंगा, तेजपाल सिंह मोंगा, बलजीत सिंह मोंगा, अवतार सिंह छाबरा, जोगिदर सिंह अरोड़ा, गुरमीत सिंह तनेजा, जसविदर सिंह गांधी, गुरजीत सिंह तनेजा, त्रिलोचन सिंह छाबरा, परमजीत सिंह गांधी आदि मौजूद रहे। गुरुवाणी के बाद प्रसाद वितरण
संसू हरचंदपुर : गुरु अरजन देव शहीदी दिवस पर कस्बे में सुबह गुरुवाणी के बाद लोगों को प्रसाद वितरण हुआ। स. तरनजीत सिंह बग्गा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष गुरु अरजन देव का शहीदी दिवस मनाया जाता है। इस दौरान पूड़ी सब्जी, शरबत आदि वितरण किया गया। इस मौके पर कल्याण सिंह, कृपाल सिंह उर्फ पल्ले, मनजीत सिंह, काकू, हरविदर सिंह, शिवम सिंह, पंकज गुप्ता, रविद्र सिंह, सचिन, शिवम आदि मौजूद रहे।
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