गुड़ इज गुड.. क्योंकि गुणकारी है
रायबरेली : चीनी के पहले गुड़ बना था। आज भी ये गुणों का खजाना है। जाड़े में इसका उपयोग ज्
रायबरेली : चीनी के पहले गुड़ बना था। आज भी ये गुणों का खजाना है। जाड़े में इसका उपयोग ज्यादा दिखता है। क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। छोटी दुकान हो या नामी-गिरामी बेकरी, इन दिनों सब जगह गुड़ के बने तमाम उत्पाद छाए हुए हैं। विज्ञान की भाषा में गुड़ पाचन से लेकर जोड़ों के दर्द व अन्य बीमारियों में बहुत फायदेमंद बताया गया है। गुड़ और इससे बने विभिन्न उत्पादों की मांग भी बढ़ी है। रसिक द्विवेदी की एक रिपोर्ट..। पाचक एंजाइम का खजाना
गुड़ को पाचक एंजाइम का खजाना बताया गया है। इसे खाने पर पाचक रस बनते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं। पीलिया होने पर चिकित्सक इसके सेवन की सलाह देते हैं। लिवर संबंधी रोगों में यह बहुत फायदेमंद है। इसमें आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होती है। महिलाओं में आयरन की कमी होने पर गुड़ खाना चाहिए। जोड़ों में दर्द होने पर यह मिष्ठान लाभकारी है। व्यंजन दिन में, सुबह-शाम खाएं गुड़
गुड़ में ग्लूकोज होता है। जिम जाने वाले ग्लूकोज लेते हैं। वे उसकी जगह गुड़ खा सकते हैं। सर्दी के मौसम से कफ और जुकाम से पीड़ित लोगों के लिए हल्दी के साथ गुड़ मिलाकर लेना लाभप्रद रहता है। रात में भोजन के बाद गुड़ खाना चाहिए। यह आमाशय में पाचक रस बनाता है, जिससे भोजन बहुत जल्दी पच जाता है। पानी पीने से गुड़ के एंजाइम आंतों में चले जाते हैं, इस नाते पानी पीने से बचना चाहिए। भेली और पारी में बिकता है
बाजार में कानपुर और फतेहपुर में बना गुड़ सबसे ज्यादा बिक रहा है। यह दो प्रकार का होता है। भेली और पारी। फतेहपुर से आने वाला गुड़ खाने में खट्टा-मीठा लगता है। बाजार में हैं ये उत्पाद
उत्पाद मूल्य
गुड़-मूंगफली की पट्टी 120
गुड़-सफेद तिल की पट्टी 120
काले तिल के लड्डू 240
चना लड्डू 120
मूंगफली लड्डू 120
बाजरा लड्डू 100
रामदाना लड्डू 120
बेसन सेव लड्डू 120
गुड़ लइया 60
ज्वार लड्डू 100
(नोट- मूल्य प्रति किलो के हिसाब से है) चिकित्सक बोले,
गुड़ परंपरागत मिष्ठान है। लगभग दो सौ वर्ष पहले अंग्रेज सल्फर वाली चीनी लेकर आए, जोकि सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है। इसके विपरीत, गुड़ बहुत ही लाभप्रद है। शुगर के मरीज भी इसका सेवन कर सकते हैं। यह आयरन और कैल्शियम का मुख्य स्त्रोत है।
डॉ रवि, आयुर्वेदिक चिकित्सक