भ्रष्टाचार के ईंट-गारे से बना पूर्व माध्यमिक विद्यालय निहालखेड़ा
रामजी जायसवाल शिवगढ़ (रायबरेली) शिक्षा का मंदिर जहां बच्चों को सत्य की राह पर चलने की
रामजी जायसवाल, शिवगढ़ (रायबरेली) : शिक्षा का मंदिर, जहां बच्चों को सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा दी जाती है। बात-बात में अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है। उसी मंदिर में भ्रष्टाचार की जड़े पनप रही है। जिनको बच्चों का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी मिली है। वे इस दलदल में इस कदर फंसे हैं कि उनके जीवन से खिलवाड़ करने लगे हैं। कुछ ऐसा ही जीता जागता उदाहरण पूर्व माध्यमिक विद्यालय निहालखेड़ा में देखने को मिल रहा है, जिसका चार साल पहले निर्माण हुआ। अभिभावकों को उम्मीद जगी कि अब व्यवस्था बेहतर होगी। लेकिन घटिया गुणवत्ता के चलते कक्षा संचालन होने से पहले ही इमारत जर्जर हो गई। विवश होकर शिक्षकों क अतिरिक्त कक्ष का सहारा लेना पड़ रहा है।
इनसेट
सेटिग-गेटिग के आगे मानक फेल
इस विद्यालय के निर्माण में 6.40 लाख रुपये खर्च हुए। लेकिन मानक का किसी ने ख्याल नहीं रखा। सेटिग-गेटिग से वर्ष 2015 में इमारत बनी। चार साल बीत गए लेकिन लेकिन एक दिन भी कक्षा नहीं चली। वहीं छत और दीवार के प्लास्टर गिरने लगे हैं। साथ ही दरवाजा और खिड़कियां भी टूट चुकी हैं। इसके साथ बना शौचालय भी खस्ताहाल है।
- दो अतिरिक्त कक्ष में होती पढ़ाई
यहां पर दो शिक्षकों के जिम्मे 57 छात्र हैं। इमारत जर्जर होने के कारण दो अतिरिक्त कक्ष में ही कक्षा छह, सात और आठ की पढ़ाई होती है। इंचार्ज प्रधानाध्यापक मोनिका सोनकर का कहना है कि भवन पूरी तरह से जर्जर है। फर्श भी टूट गई है। अतिरिक्त कक्ष में पढ़ाई करानी पड़ रही है।
- बेखबर अफसर, सुधार का दावा
यहां की जिम्मेदारी बीएसए मुख्यालय और अमावां बीईओ वीरेंद्र कुमार कनौजिया के पास है। वह बमुश्किल सप्ताह में एक-दो दिन ही नजर आते हैं। इन समस्याओं से पूरी तरह बेखबर है, लेकिन सुधार का दावा जरूर कर रहे हैं।