Move to Jagran APP

तीर्थ स्थल के अस्तित्व से खेल रही निर्माण एजेंसी

डलमऊ (रायबरेली) सरकार की योजना थी कि गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं को शीतल छांव मिले। उ

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Aug 2019 11:46 PM (IST)Updated: Sun, 11 Aug 2019 11:46 PM (IST)
तीर्थ स्थल के अस्तित्व से खेल रही निर्माण एजेंसी
तीर्थ स्थल के अस्तित्व से खेल रही निर्माण एजेंसी

डलमऊ (रायबरेली) : सरकार की योजना थी कि गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं को शीतल छांव मिले। उस छांव में बैठकर श्रद्धालु गंगा के अविरल प्रवाह में अठखेलियां करती मछलियों को देख सकें, लेकिन यह योजना कागजों तक ही सीमित रह गई। गंगा पुरोहितों ने तीर्थ स्थल के अस्तित्व से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।

prime article banner

केंद्र सरकार ने नमामि गंगे योजना से गंगा तट पर ऐतिहासिक घाटों के जीर्णोद्धार कराने का निर्णय लिया। जिसके लिए भारी बजट भी दिया गया। लेकिन निर्माण एजेंसी की मनमानी से योजना अपने लक्ष्य से भटक गई। डलमऊ में 16 घाटों के डीपीआर में महज पांच घाटों को लिया गया। इनका निर्माण व जीर्णोद्धार करने के लिए निर्माण एजेंसी इंजीनियर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड व वीआरसी कांस्ट्रक्शन ने घाटों के विकास का खाका स्वयं खींचा और उसे पास भी करा लिया। जिसमें स्थानीय लोगों से न तो बात की गई और न ही उसकी जानकारी दी गई। तीर्थ पुरोहित संदीप कुमार मिश्र ने बताया कि मनमानी के कारण गंगा घाट पहले से ज्यादा खराब हो गए हैं। जिन घाटों पर सीढि़यां थी, सिर्फ उन्हीं सीढि़यों पर पत्थर लगाकर सजा दिया गया, लेकिन शेष घाट आज भी सीढ़ी विहीन हैं।

एक माह में सूखे पौधे

घाटों की खूबसूरती में चार चांद लगे, राहगीरों को छाया मिले। इसके लिए घाटों पर पौधे लगाने के अलग से स्थल बनाए गए। उनमें पेड़ भी लगाए गए, लेकिन ट्रीगार्ड न लगे होने से पौधों को मवेशियों ने नुकसान पहुंचाया। जो बचे वह अनदेखी के कारण सूख गए। उपजिलाधिकारी सविता यादव ने बताया कि यदि पौधे सूख गए तो उनमें फिर से पेड़ क्यों नहीं लगाए गए। इसके लिए निर्माण एजेंसी के अधिकारियों से बात की जाएगी।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.