एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह और जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह पर मुकदमा दर्ज
जिपं सदस्य की तहरीर पर बलवा मारपीट और जानलेवा समेत आठ धाराओं में छह नामजद ।
रायबरेली, जेएनएन। दिनभर चली आपाधापी के बाद आखिरकार हरचंदपुर पुलिस ने जिपं सदस्य की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। बलवा, मारपीट और जानलेवा हमले के आरोप में एमएलसी, जिपं अध्यक्ष और उनके भाई को नामजद किया गया है।
खीरों के चंडौली निवासी जिपं सदस्य राकेश अवस्थी ने तहरीर देकर बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में वोट डालने के लिए वह लखनऊ से आ रहे थे। उनके साथ जिपं सदस्य राजेंद्र कुमार और विनीता सिंंह भी थी। बछरावां टोल प्लाजा पर दिनेश सिंंह एमएलसी, अवधेश सिंंह जिला पंचायत अध्यक्ष, गनेश सिंंह पुत्रगण महावीर सिंंह निवासी नेवाजगंज, अभिषेक सिंंह , टेरा सिंंह और बच्चा सिंंह निवासी शहजादा कोठी के अलावा सात अज्ञात लोगों ने मेरे ऊपर हमला कर दिया। मुझे गाड़ी से खींचने का प्रयास किया गया। फिर महावीर कालेज के पास मेरी गाड़ी में टक्कर मार दी। जिसमें हम सभी को गंभीर चोटें आयीं। आरोपितों ने जान से मारने की नीयत से फायरिंंग भी की। उक्त तहरीर के आधार पर पुलिस ने इन सभी के खिलाफ बलवा, मारपीट, जानमाल की धमकी, जानलेवा हमला, गाड़ी चलाकर जान जोखिम में डालने, आपराधिक बल का प्रयोग की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
...अरे देखो कहां गई एसयूवी
डिग्री कॉलेज चौराहे पर शहीद चौक के निकट कई बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों लेकर बड़े दलों के बड़े नेता तक मौजूद थे। सब धूप में पसीना बहा रहे थे। मगर, उनसे ज्यादा नजरें लोगों की उन वाहनों पर थीं, जो जिला पंचायत सदस्यों को लेकर आ रहीं थीं। एक भी वाहन पीछे छूट जाता तो खलबली बच जाती।
जिला पंचायत सभागार में अविश्वास प्रस्ताव की पहले बैठक और फिर मतदान होना था। प्रशासन ने डिग्री कॉलेज चौराहे से ही कलेक्ट्री कचेहरी रोड को सील कर दिया था। सिर्फ जिला पंचायत सदस्यों को ही इंट्री मिल रही थी। हमले में घायल जिपं सदस्य राकेश अवस्थी को एंबुलेंस से लाया गया। इसी तरह अन्य कई सदस्यों को चार पहिया वाहनों से लाया गया। किसी से वाहन से दो तो किसी वाहन से तीन-तीन सदस्य बैठाकर लाए गए। एक भी वाहन या जिपं सदस्य कहीं छूट जाता तो सपा और कांग्रेस के नेताओं में खलबली मच जाती। कोई आए सदस्यों हुए सदस्यों की गिनती कर रहा था तो कोई छूटे सदस्यों के बारे में पता लगाता हुआ देखा गया।
प्रवेश के लिए करनी पड़ी जद्दोजहद
बछरावां से लेकर हरचंदपुर तक हुए हमलों के शिकार कई जिला पंचायत सदस्य सब कुछ झेलते हुए भी अविश्वास प्रस्ताव का हिस्सा बनने पहुंचे थे। हमलावरों से बचने की जद्दोजहद में तमाम सदस्यों का पहचान पत्र कहीं खो गया तो कोई जल्दी बाजी में उसे लाना ही भूल गया। उनका नाम पुलिस के पास मौजूद सूची में तो था, लेकिन आइकार्ड न होने के चलते उन्हें अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था। इसे लेकर भी कई बार यहां गहमागहमी का माहौल बना।
और जब मची भगदड़
शहीद चौक पर एएसपी शशि शेखर सिंंह मोर्चा संभाले थे। वे माइक लेकर आक्रोशित लोगों को बैरीयर और बैरीकेडिंंग के पीछे रहने की हिदायत दे रहे थे। इसी बीच किसी बात को लेकर सपा के एक नेता और पुलिस के बीच झड़प हो गई। सपाई गुस्सा भी चढ़ गया। भीड़ पुलिस की तरफ लपकी। पुलिस भी एक्शन मोड में आ गई। इससे लोगों में भगदड़ मच गई। कुछ देर के लिए बैरियर के आसपास सन्नाटा छा गया।
ऐसा तांडव तो 50 साल में नहीं देखा : कांग्रेस
जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जिले में हुए बवाल के बाद जिला कांग्रेस कमेटी अटैक मोड में आ गई। जिलाध्यक्ष वीके शुक्ल ने सरकार और प्रशासन को घेरा। वहीं अमेठी के एमएलसी दीपक सिंंह ने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा प्रत्याशी दिनेश सिंंह पर हमला बोला। कांग्रेस कार्यालय तिलक भवन में पत्रकारों से रूबरू जिलाध्यक्ष ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंंह , एमएलसी दिनेश सिंंह , विधायक राकेश सिंंह के अराजकतत्वों ने आतंक फैला दिया है। जैसा तांडव आज हुआ, वैसा 50 साल में पहले कभी नहीं देखा। अब तो यहां जनप्रतिनिधियों पर भी हमले होने लगे हैं। इसका पूरा अंदेशा था। प्रशासन को अवगत कराया गया। फिर भी जिपं सदस्यों को सुरक्षा नहीं मिली।
यही नहीं घटनाओं के बाद भी प्रशासन सिर्फ हाथ पर हाथ रखकर बैठा रहा। इन लोगों ने केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकार का दुरुपयोग किया। क्राइम को बढ़ावा दिया है। अमेठी एमएलसी दीपक सिंंह ने एमएलसी दिनेश सिंंह को भगोड़ा बताया। कहा कि सिर्फ जिला पंचायत की कुर्सी को बचाने के लिए दल बदल लिया। प्रदेश में गुंडाराज कायम हो गया है। लोकतंत्र समाप्त हो चुका है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही शासन प्रशासन ने अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया। एमएलसी दीपक सिंंह ने दिनेश सिंंह को मुख्यमंत्री का सुपारी किलर बताया। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव का मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है। इसमें अच्छे से अच्छे अधिवक्ताओं का दल लगाया जाएगा। इसके बाद इस गुंडाराज के खिलाफ भी कांग्रेस ने आंदोलन करने की रणनीति बनाई है।
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