रायबरेली में बच्चों के विवाद ने पकड़ा तूल, घरों व वाहनों में तोडफ़ोड़
पांच मोटरसाइकिलें की क्षतिग्रस्त दरवाजे भी तोड़ डाले। 24 लोगों पर एफआइआर सात गिरफ्तार ग्रामीणों में दहशत कई थानों की फोर्स मुस्तैद।
रायबरेली, जेएनएन। नसीराबाद थाना क्षेत्र के बिरनावां गांव में रविवार को बवाल हो गया। जमकर लाठी-डंडे और कुल्हाड़ी चलीं। घरों में घुसकर तोडफ़ोड़ की गईं। बलवाइयों ने पांच मोटरसाइकिलें क्षतिग्रस्त कर दीं। घरों में दरवाजे तोड़ दिए और बाउंड्रीवाल गिरा दी। सूचना पर मोके पर पहुंची पुलिस ने अराजकता पर काबू पाया। इस खूनी संघर्ष में एक दर्जन लोग जख्मी हुए हैं। सभी को सीएचसी में भर्ती कराया गया है। तनाव को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात है।
घटना बिरनावां ग्राम पंचायत के मजरे पूरे निरही की है। गांव निवासी हमीद के बेटे हसीब व प्रकाश पासी के बेटे आकाश के बीच शनिवार की शाम किसी बात को लेकर मारपीट हो गई थी। इसी को लेकर दोनों परिवारों के बीच तनाव था। बताते हैं कि रविवार सुबह प्रकाश पासी गांव के कुछ और लोगों के साथ हमीद के घर पहुंचा। यहां हमीद से उसकी कहासुनी हुई। देखते ही देखते दोनों तरफ से लाठी-डंडे व कुल्हाड़ी निकल आईं। फिर जमकर मारपीट हुई। हमलावर हमीद के घर में घुस गए। वहां चार कमरों के दरवाजे, खिड़कियां व अन्य फर्नीचर तोड़ डाला। बाउंड्रीवाल गिरा दी। बरामदे में खड़ी तीन मोटरसाइकिलें क्षतिग्रस्त कर दीं।
इसी तरह पड़ोसी सिद्दीक के घर में घुसकर दो मोटरसाइकिलें, एक साइकिल व दरवाजे तोड़ डाले गए। बगल में बने एक धार्मिक स्थल में जाकर लोगों ने सामान फैलाने और 13 बोरी गेहूं उठा ले जाने का आरोप भी लगाया है। सूचना पर सीओ सलोन राघवेंद्र चतुर्वेदी मौके पर पहुंचे। नसीराबाद एसओ धीरेंद्र यादव के साथ सलोन कोतवाल राम आशीष उपाध्याय, डीह एसओ अनिल सिंह को भी दलबल के साथ बुला लिया गया। पुलिस ने मोर्चा संभाला तब कहीं जाकर हालात शांत हुए।
एक पक्ष के नौ, दूसरी ओर के तीन लोग घायल
इस मारपीट और बवाल में 12 लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है। इनमें एक तरफ से हमीद, उसकी पत्नी हाजिरा, बेटा नसीम, रेहाना, महरुन, नफीसा, हसीब सहित नौ गंभीर हैं, तो वहीं दूसरी ओर के भी तीन लोग जख्मी हुए हैं। सभी घायलों को नसीराबाद सीएचसी पहुंचाया गया है।
24 पर केस, आठ आरोपित हिरासत में
घटना के बाद पुलिस ने कई हमलावरों के घर छापेमारी की। इसमें सात लोगों को हिरासत में लिया गया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि हमीद की तहरीर पर प्रकाश पासी, शिवराज, किशोरे, गुलेलाल, सुरेश, विश्राम, तुलसी, कंहैया, सजीवन, धीरज, नीरज, कल्लू, कुंदन, राजेश और 10 अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। किसी आरोपित को बख्सा नहीं जाएगा।
खाकी की लापरवाही
बात इतनी न बिगड़ती, अगर नसीराबाद पुलिस गंभीर होती। एक दिन पहले यह प्रकरण तब थाने पहुंचा था जब विवाद मामूली था। मगर, पुलिस ने संजीदगी नहीं दिखाई। एक पक्ष को थाने में बैठाकर दूसरे पक्ष को घर भेज दिया। इसी पक्ष की पहल के बाद बवाल हुआ और गांव की शांति छिन गई।
दरअसल, हमीद और प्रकाश के बच्चों में विवाद शनिवार को हुआ था। दोनों ही पक्ष थाने पहुंचे थे। ग्रामीणों के मुताबिक थाने में पहले पूछताछ के नाम पर घंटों बैठाकर रखा गया। इस दौरान बातचीत हुई। मगर, सुलह समझौता न हो सका। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े थे। सभी में एक दूसरे के खिलाफ नाराजगी थी। लेकिन, पुलिस ने इसे अनदेखा कर दिया। हमीद के बेटे नसीम को थाने पर बैठा लिया, जबकि अन्य लोगों को सुबह आने की बात कहकर वापस भेज दिया गया। इधर, रविवार की सुबह प्रकाश और उसके लोग हमीद के घर पहुंच गए। जिसके बाद मामूली विवाद बवाल में तब्दील हो गया। लोगों का कहना है कि अगर, पुलिस शाम को ही गंभीरता से लेकर मामले में कड़ी कार्रवाई करती तो यह नौबत न आती।
गांव पहुंचने में पुलिस को लगे एक घंटे
रविवार को भी पुलिस की लापरवाही सामने आई। गांव की जाफिरा व शाहजहां का कहना है कि विवाद की घटना की जानकारी तत्काल पुलिस को दी गई थी। लेकिन, पुलिस को गांव पहुंचने में एक घंटे लग गए। जबकि गांव से थाने की दूरी महज सात से आठ किलोमीटर ही है।
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