झमाझम बारिश ने किसानों को दी बड़ी राहत
खूब बरसा पानी। किसान हुए खुश बेढ़न में आएगा निखार रफ्तार पकड़ेगी रोपाई उड़द मूंग की फसल को हुआ नुकसान
रायबरेली : जलभराव और कीचड़ से भले ही कोई परेशान हो। लेकिन, झमाझम बारिश के बाद किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। सिचाई और खेतों में नमी की समस्या जो दूर हुई। यही नहीं धान की रोपाई भी अब रफ्तार पकड़ेगी। हालांकि, मेंथा की पेराई कुछ पिछड़ेगी। लेकिन, कृषि विज्ञानी इसे बड़ी मुश्किल नहीं मान रहे हैं।
जिले में इस वक्त खेती का काम जोरों पर है। धान की रोपाई का काम शुरू हो चुका है। लगभग हर किसान इसी में व्यस्त है। किसी को खेत तैयार करना है तो किसी की बेढ़न तेज धूप में सूख रही थी। इसके चलते रोपाई में वह तेजी नहीं आ पा रही थी। लेकिन, गुरुवार को हुई झमाझम बारिश किसानों की राह आसान कर दी। कृषि विज्ञानी आरके कनौजिया का कहना है कि यह बारिश उन किसानों के लिए फायदेमंद है जो धान की बेढ़न लगा रहे हैं। बेढ़न में रौनक आएगी। खेतों में नमी है, इस नाते अधिक पानी लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जल्द खेत तैयार होंगे तो बेढ़न की रोपाई में तेजी आएगी। उधर, जो बेढ़न लग चुकी है, उसके लिए भी यह बारिश लाभदायक होगी।
थम गई मेंथा की पेराई
बारिश के कारण मेंथा की पेराई के काम पर ब्रेक लग गया है। अब किसानों को पहले पूरी फसल सुखानी पड़ेगी। जब तक उसकी नमी दूर नहीं होती, तब तक पेराई संभव नहीं। कृषि विज्ञानियों का कहना है कि इसमें करीब छह से सात दिन लग सकते हैं। वह भी तब जब तेज धूप हो।
बिजली गिरने से बालिका समेत पांच झुलसे
ऊंचाहार : क्षेत्र के पचखरा गांव निवासी हिमांशू, निशा, शिवम, कपिल और करन गांव के पास स्थित नहर के किनारे मवेशी चरा रहे थे। तभी बारिश होने लगी। भीगने से बचने की खातिर पांचों बच्चे पीपल के पेड़ के नीचे खड़े हो गए। इसी दौरान पेड़ पर बिजली आ गिरी। जिसकी चपेट में आने से पांच वर्षीय निशा समेत सभी बच्चे झुलस गए। उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद निशा व शिवम को डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया।