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हाय दइया, 15 दिन से धरना देत रहे, कोइ न देखिस

रायबरेली : अमृत लाल की मौत के बाद उसकी पत्नी नीलम का सब कुछ उजड़ गया है। एक साल के बेट

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 12:05 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 12:05 AM (IST)
हाय दइया, 15 दिन से धरना देत रहे, कोइ न देखिस
हाय दइया, 15 दिन से धरना देत रहे, कोइ न देखिस

रायबरेली : अमृत लाल की मौत के बाद उसकी पत्नी नीलम का सब कुछ उजड़ गया है। एक साल के बेटे को गोद में लेकर वह दहाड़े मारकर रोते हुए प्रशासन के आलाहाकिमों को कोस रही थी। मुंह से यही शब्द निकल रहा था कि ..'हाय दइया, पंद्रह दिन से वह धरना देत रहे, तब कोई न देखिस.. अब चेक देकर क्या बतावा चहात हैं।' हमार तो सबकुछ खत्म हो गवा है। ई बच्चा का कैसे पालब।'' अमृत लाल की बड़ी बेटी पिता की मौत का सदमा बर्दाश्त न कर सकी और गश खाकर गिर गई। किसी तरह उसे होश में लाया गया।

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ए भइया प्रशासन का अब याद आई है, पहले का न जाग सकत राहे तो हमार पति बच जावत। यह शब्द जब नीलन के मुंह से निकलते तो हर किसी की आंख नम हो जाती। वहीं, सीडीओ राकेश कुमार व एएसपी शशि शेखर से भी नीलम ने यही शब्द कहे तो दोनों अधिकारी शांत खड़े रहे। बस इतना बोले कि इसकी भरपाई नहीं हो सकती लेकिन जो भी मदद होगी वह की जाएगी। तुम परेशान न हो, बच्च की परवरिश होगी। प्रशासन मदद करेगा, लेकिन नीलम जब कहती कि पहले काहे न जागे तो फिर सब तरफ सन्नाटा छा जाता था। बडी बेटी को हिस्से को लेकर भी खुसफुसर

असल में अमृत लाल ने दो शादियां की थीं। पहल पत्नी से एक बेटी अन्नू है, जिसका विवाह लालगंज में हुआ है। वहीं, दूसरी पत्नी नीलम है। ऐसे में जो सहायता राशि मिली है उस पर कई लोगों का कहना था कि अन्नू को भी हिस्सा मिलना चाहिए। खेल मैदान से कब्जा हटवाना चाहते थे अमृतलाल

संवादसूत्र, डलमऊ : ग्राम प्रधान शिव अजन मौर्य ने बताया कि अमृत लाल गांव के समीप स्थित खेल के मैदान को कब्जा मुक्त कराना चाहते थे। एक वर्ष पूर्व खेल के मैदान से कब्जा हटाने के लिए तत्कालीन उपजिलाधिकारी डलमऊ शैलेंद्र मिश्र ने त्वरित कार्रवाई करते हुए खेल के मैदान में बने मकानों को गिराने का आदेश दिया था। लेकिन ऊंची पहुंच होने के कारण भू-माफिया के आगे प्रशासन नतमस्तक हो गया। लेकिन अमृतलाल उक्त मैदान से कब्जा हटाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। मैदान के किनारे नाली निर्माण के लिए ग्राम प्रधान ने भी उपजिलाधिकारी डलमऊ से लेकर जिलाधिकारी तक प्रयास किया लेकिन अधिकारियों ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। अपने दामन को बचाने में जुटा प्रशासन

धरना-प्रदर्शन के दौरान रविवार को किसान अमृतलाल की मौत के बाद प्रशासन मामले को दबाने के लिए रविवार रात से ही जद्दोजहद करता दिखा। डलमऊ तहसीलदार तृप्ति गुप्ता ने बताया कि मृतक अमृतलाल अपने खेत आने-जाने के लिए रास्ते की भी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा था। जबकि, 12 जून को डलमऊ उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में अमृतलाल को 15 फुट का मार्ग संतोष कुमारी निवासिनी जनपद फतेहपुर की भूमि से दिए जाने की सहमति बन चुकी थी।


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