पति के अपहरण की लिखाई झूठी रिपोर्ट, जांच में सामने आया सच
रायबरेली सलोन कोतवाली में 25 जनवरी को दर्ज अपहरण का मुकदमा झूठा निकला। जिस शख्स के अप
रायबरेली : सलोन कोतवाली में 25 जनवरी को दर्ज अपहरण का मुकदमा झूठा निकला। जिस शख्स के अपहरण की बात बताई गई, वो रायबरेली शहर में घूम रहा था। पुलिस ने जब जांच की तो मामला कुछ और ही निकला। अब झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला पर कार्रवाई होने जा रही है।
सलोन के बड़की बाग निवासी प्रेमा देवी ने अपने पति जगदीश के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। बताया कि 24 जनवरी को जगदीश घर से निकला और फिर वापस नहीं लौटा। उसने तीन लोगों पर जगदीश का अपहरण करने की आशंका जताई। मामले में अपहरण संग एससीएसटी की धारा भी लगी थी। जिसके तहत विवेचना सीओ विनीता सिंह को मिली। दौरान विवेचना ये पता चला कि प्रेमा देवी के बेटे राहुल के खिलाफ जुलाई 2019 में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें राहुल को जेल भी जाना पड़ा था। फिलवक्त वो जमानत पर बाहर है। उस मुकदमे से राहुल को बरी कराने के लिए जगदीश के अपहरण की साजिश रची गई। इसी के तहत पीड़ित महिला के पति, ससुर व एक अन्य के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया। जब पुलिस ने पूछताछ के लिए प्रेमा और राहुल को बुलाया तो ये बात जगदीश को पता चली। जो कि 24 जनवरी से रायबरेली शहर में घूम रहा था। वह सीओ ऑफिस पहुंचा और पूरा बात बताई। जिसके बाद तो पुलिस अधिकारी भी हक्का-बक्का रह गए। साथ ही अपहरण के फर्जी मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने को कहा। ये भी तय किया गया कि झूठा मुकदमा लिखाने वाली प्रेमा देवी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सीओ विनीत सिंह ने बताया कि विवेचना के दौरान ही जगदीश उनके ऑफिस आ गया। जब उससे अपहरण के बाबत पूछा गया तो उसने बताया कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। उसकी पत्नी से उससे कुछ दिन घर से दूर रहने के लिए कहा था ताकि वह फर्जी मुकदमा लिखाकर दूसरे पक्ष पर दबाव बना सके। क्योंकि मामला झूठा निकला, इसलिए महिला पर भी कार्रवाई होनी तय है।