कोरोना से जंग को तैयार एल-2 फैसिलिटी हॉस्पिटल
एमसीएफ में महज 45 दिनों में बने 261 बेड के अस्पताल में इलाज की अत्याधुनिक सुविधाएं महामारी बढ़ने की स्थिति में लखनऊ नहीं बल्कि जिले में ही होगा कोरोना मरीजों का इलाज
रायबरेली : कोरोना के संक्रमण काल में ये एक अच्छी खबर कही जा सकती है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे ने महज 45 दिनों के भीतर 261 बेड का एल-2 फैसिलिटी सेंटर तैयार कर लिया है। मॉर्डन रेलकोच फैक्ट्री में स्थापित इस अस्पताल में कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज होगा, जिन्हें अभी लखनऊ के अस्पतालों में भेजा जा रहा है।
इस अस्पताल की खूबियों की बात करें तो यहां 250 सामान्य बेड हैं। जिनमें से 122 बेडों को सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई की लाइन से जोड़ा गया है। क्योंकि कोरोना संक्रमण होने पर मरीज को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की ही जरूरत होती है। इसके अलावा 20 पोर्टेबल सिलिडर भी हैं, जिन्हें आवश्यकता अनुसार लगाया जा सके। 11 बेड का आइसीयू वार्ड बनाया गया है। चार वेंटीलेटर हैं, जिनके संचालन के लिए तीन एक्सपर्ट तैनात कर दिए गए हैं। एक्सरे मशीन भी पोर्टेबल है ताकि बेड तक उसे लेकर एक्सरे किया जा सके, मरीज की सुविधा के मुताबिक। एबीजी एनालाइजर मशीन भी लगा दी गई है। यह ब्लड में कार्बन डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन, अमोनिया, हीमोग्लोबिन, सोडियम व पोटैशियम की सटीक जांच करती है, उक्त तत्वों की कमी जानने के बाद बीमारी को समझने में सहायता मिलती है।
33 चिकित्साकर्मियों की दो टीमें तैयार : कोविड अस्पताल के संचालन के लिए 33-33 चिकित्सा कर्मियों की दो टीमें बना दी गई हैं। जिनमें नौ डॉक्टर, नौ स्टाफ नर्स व अन्य स्टाफ शामिल है। ये अस्पताल कैंपस में रहेंगे और इनकी ड्यूटी 15-15 दिन की होगी।
.. ताकि भविष्य में न हो परेशानी
अभी जो कोरोना के गंभीर मरीज मिल रहे हैं, उन्हें लखनऊ के लोकबंधु या फिर एसजीपीजीआइ भेजा जा रहा है। मगर, अगर भविष्य में वहां बेड कम पड़ते हैं, तो उस स्थिति में रेलकोच कारखाने में बने एल-2 हॉस्पिटल का उपयोग किया जाएगा।
कोट
चार या पांच मई को हमें एल-2 हॉस्पिटल बनाने का टास्क मिला। 15 जून के आसपास हमने इसे स्थापित कर दिया। उच्चाधिकारियों को आदेश मिलते ही यहां भी उपचार की सुविधा शुरू कर दी जाएगी।
-डॉ. भावेश, नोडल अधिकारी एल-2 फैसिलिटी सेंटर, एमसीएफ