आंखों से खिलवाड़ पर सीएमएस की झूठी रिपोर्ट
रायबरेली बात आंखों से जुड़ी है। जिससे हम आप इस जहां को देखते हैं। उसी आंख के ऑपर
रायबरेली : बात आंखों से जुड़ी है। जिससे हम, आप इस जहां को देखते हैं। उसी आंख के ऑपरेशन में बरती जा रही हीलाहवाली जब उजागर हुई तो डीएम ने रिपोर्ट तलब कर ली। मगर, इधर व्यवस्था में सुधार के बजाय सीएमएस ने झूठी रिपोर्ट भेज दी है। उन्होंने ऑपरेशन प्रक्रिया को सही ठहरा दिया। जबकि इनके पास लेंस का नंबर निकालने वाली मशीनें ही नहीं हैं।
25 दिसंबर के अंक में दैनिक जागरण ने जिला अस्पताल में ऑपरेशन कर अंदाजे से लगा आंखों में लेंस शीर्षक से खबर प्रकाशित की। नेत्र विभाग की ओटी में लेंस का नंबर निकालने के लिए जरूरी मशीनें किरेटोमीटर और ए-स्कैन मशीन न होने की बात को जिसमें प्रमुखता से उठाया गया। जागरण टीम जिला अस्पताल गई और नेत्र सर्जन डॉ. वीपी शर्मा, सीएमएस डॉ. एनके श्रीवास्तव व वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अल्ताफ हुसैन के सामने इसको लेकर चर्चा की गई। तभी सीएमएस और नेत्र सर्जन ने बताया कि इन मशीनों के न होने से लेंस का नंबर नहीं निकाला जा रहा। मतलब, स्पष्ट है कि मरीजों को अंदाजे से लेंस लगाए जा रहे हैं। इस खबर पर जिलाधिकारी ने सीएमएस से रिपोर्ट मांग ली।
अपनी रिपोर्ट में सीएमएस डॉ. एनके श्रीवास्तव ने कहीं भी इन दोनों बड़ी अहम मशीनों किरेटोमीटर और ए-स्कैन का जिक्र नहीं किया। ये बताया कि अनुभवी चिकित्सकों द्वारा मरीजों का ऑपरेशन किया जाता है। अब तक कहीं से आंखों की रोशनी कम होने की शिकायत सामने नहीं आयी। मतलब, इस गंभीर प्रकरण पर पर्दा डालने की कोशिश की गई। न कि मशीनों को उपलब्ध कराने के प्रयास। जबकि राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. नागेंद्र कुमार ने स्पष्ट कहा कि अस्पताल में मशीनों की उपलब्धता की जिम्मेदारी जिला अस्पताल के सीएमएस की होती है। कोट
जिला अस्पताल में अनुभवी नेत्र सर्जन आंखों का ऑपरेशन करते हैं। मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो रही है। जांच रिपोर्ट में मशीनों के बाबत क्यों नहीं लिखा, इसका जवाब जब आप आएंगे तो सामने बैठकर दिया जाएगा।
-डॉ. एनके श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक