शौचालय योजना से वंचित रह गए 1.17 लाख परिवार परिवार
जासं, रायबरेली : जिले को 2 अक्टूबर तक खुले में शौच से मुक्त कराने की योजना बनी है। इसके तह
जासं, रायबरेली : जिले को 2 अक्टूबर तक खुले में शौच से मुक्त कराने की योजना बनी है। इसके तहत 3 लाख 24 हजार 140 शौचालय बनने थे। इसके लिए तीन अरब 88 करोड़ 96 लाख 80 हजार के बजट की जरूरत थी। जैसे-तैसे तीन अरब, 43 करोड़ 36 लाख 80 हजार का बजट मिला और 3 लाख 86 हजार 140 शौचालय बनकर तैयार हो गए। अब 38 हजार शौचालय बनने शेष रह गए हैं। इसके लिए 45 करोड़ 60 लाख रुपयों की और दरकार है। यह बजट मिलते ही काम पूरा कराकर जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया जाएगा। मगर, इसके बावजूद 1.17 लाख परिवार बाहर शौच जाने को मजबूर होंगे।
दरअसल, ग्रामीण अंचल में शौचालय बनवाने के लिए 12 हजार रुपये की सरकारी मदद हर किसी को नहीं मिल रही है। सिर्फ उन्हीं परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है, जिनका नाम वर्ष 2011 में कराए गए बेसलाइन सर्वे की सूची में शामिल है। इस सर्वे को हुए आठ साल बीत गए हैं। इस दौरान गांवों में तमाम बदलाव हुए। किसी ने परिवार से अलग होकर अपनी गृहस्थी बसा ली तो कोई बाहर से आकर गांव में बस गया। वैसे तो इनकी संख्या अधिक होगी, लेकिन एक लाख 17 हजार परिवार ऐसे हैं, जिनके घरों में शौचालय नहीं बना। इन परिवारों के लिए शौचालय बनवाना एक ¨चता का विषय बना है। आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं कि खुद निर्माण करा सकें। सरकार से उम्मीद थी तो वह भी जाती रही। शासन की मंसा नहीं हो सकेगी पूरी
शासन की मंसा है कि हर घर में इज्जत घर हो। इसके दो प्रमुख फायदे हैं। एक तो गंदगी से छुटकारा मिलेगा और बीमारियों का प्रभाव कम होगा। दूसरा महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं पर अंकुश लगाई जा सकेगी। मगर, शासन की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर जा रहा है। 3 लाख 24 हजार 140 शौचालय बनाकर कागज पर भले ही जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया जाए, लेकिन सही मायने में जनपद तभी खुले में शौच से मुक्त होगा, जब हर घर में शौचालय बनेंगे। छूटे परिवारों को भी मिलेगा लाभ
पंचायतीराज विभाग के उप निदेशक गिरीश चंद्र रजत का कहना है कि जिन परिवारों को ओडीएफ का लाभ नहीं मिल रहा है, सर्वे कराकर उनकी सूची बनवाई गई है। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इसके बाद छूटे हुए परिवारों को भी लाभ दिया जाएगा।