ईपीएफ मद में 30 लाख का गड़बड़झाला
फर्म द्वारा कर्मियों के भुगतान से कटौती के बाद भी नहीं जमा की धनराशि
रायबरेली : नगर पालिका में ठेका पर तैनात सफाई कर्मियों के ईपीएफ में 30 लाख का घपला कर दिया गया। काफी समय से चल रहे इस खेल में पालिका अफसरों ने सिर्फ कागजी कोरम पूरा किया है। लगातार फर्म कर्मचारियों के भुगतान से कटौती कर रही है, लेकिन उक्त धनराशि को संबंधित मद में जमा कराने की्र बजाय गोलमाल कर दिया गया।
नगर पालिका परिषद में अलग-अलग फर्मे ठेका कर्मियों की आपूर्ति करती है। सबसे अधिक स्वास्थ्य और जलकल विभाग में ठेका कर्मी हैं। इसके अलावा निर्माण और बिजली विभाग में भी तैनाती है। शुरुआती दौर में ही चहेती फर्म को जिम्मेदारी दे दी गई। इस दौरान बकायदा उन्हें भुगतान भी कर दिया गया। फर्म ने कर्मियों के मेहनताना में उनके सुनहरे भविष्य का सब्जबाग दिखाकर प्रत्येक महीने ईपीएफ के मद में कटौती कर ली, लेकिन उसे जमा नहीं किया। पोल खुली तो पालिका के अफसर ही मामले को दबाने में लग गए। इस दौरान ईपीएफ के मद में करीब 30 लाख रुपये का गोलमाल कर दिया गया।
इनसेट
पालिका भी जमा करने में कर रही आनाकानी
ईपीएफ में फर्म के साथ ही नगर पालिका को भुगतान करना पड़ता है। इसमें वेतन का 12 फीसद नगर पालिका और 13 फीसद संबंधित फर्म को जमा करना होता है। एक साल से अधिक समय से चल रहे इस खेल मे पालिका भी सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाए।
फर्म मालामाल तो कर्मचारी परेशान
कर्मचारियों के आपूर्ति करने की जिम्मेदारी उठाने वाली फर्म ईपीएफ के रुपये लेकर मालामाल हो हो गई, वहीं कर्मचारी हक के लिए खाक छान रहे हैं।
कहां पर कितने कर्मी
ठेका पर सबसे अधिक कर्मी जलकल में हैं। इसमें कर्मियों की संख्या 194 है। इसके बाद स्वास्थ्य में 182, निर्माण 48 और बिजली विभाग में करीब 35 कर्मी बताए जा रहे हैं।
इनकी सुनें
संबंधित फर्म को निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में पालिका के पास बजट भी कम है। ऐसे में जितना फर्म जमा करेगी उतना पालिका को भी देना पड़ेगा। जल्द ही इसे जमा करवा दिया जाएगा।
पूर्णिमा श्रीवास्तव, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद
दो फर्म हैं, जिनका सर्वाधिक बकाया है। दोनों को नोटिस दिया गया है। यदि जल्द ईपीएफ का भुगतान नहीं जमा करते हैं तो संबंधित के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-बीएम मिश्र, ईओ, नगर पालिका परिषद