इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर्स के बयान दर्ज, अब स्टाफ की बारी
बाहर से महंगी दवाएं और जांचें लिखने का मामला सीएमएस बोले- सबका पक्ष सुनने के बाद होगी कार्रवाई
रायबरेली : जिला अस्पताल की इमरजेंसी में चिकित्सकों द्वारा बाहर की दवाएं लिखने के मामले में सभी ईएमओ के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। अब यहां के स्टाफ की बात भी सुनी जाएगी। उसके बाद जो सत्यता होगी, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
यहां तैनात चीफ फार्मासिस्ट जीडी शुक्ल ने गत मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक शिकायती पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कुछ इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर्स पर बाहर की महंगी दवाएं और जांचें लिखने का आरोप लगाया था। कहा था कि कई बार मना करने के बावजूद चिकित्सक उनकी बात नहीं सुन रहे हैं, इसलिए उन्हें अस्पताल में किसी दूसरी जगह पोस्ट कर दिया जाए। उनके इस पत्र को सीएमएस ने गंभीरता से लिया और डॉ. बीरबल व डॉ. वीपी श्रीवास्तव की टीम को जांच सौंप दी। इन वरिष्ठ डॉक्टरों ने चारों ईएमओ के बयान दर्ज कर लिए हैं। अब वहां पर ड्यूटी करने वाले फार्मासिस्ट, वार्डब्वॉय, नर्स सहित अन्य स्टाफ का आदेश भी सीएमएस ने जारी किया है। मतलब दो से तीन दिन में पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। उसके बाद इमरजेंसी से कुछ डॉक्टर हटाए जा सकते हैं, ऐसे कयास अभी से लगाए जाने लगे हैं। वर्जन
अस्पताल के डॉक्टर बाहर की दवाएं या जांचें लिखें, ये कतई बर्दाश्त नहीं है। हम इसकी जांच करा रहे हैं। रिपोर्ट में जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।
डॉ. एनके श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक