लखनऊ-वाराणसी के बीच जल्द बिजली से दौड़ेंगी रेलगाड़ियां
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रायबरेली : लखनऊ से वाराणसी के बीच जल्द ही बिजली से रेल गाड़ियां दौड़ने लगेंगी। इससे यात्रियों के समय की बचत होगी। साथ ही डीजल इंजनों निकलने वाले धुएं से जो प्रदूषण होता है, उसे भी रोका जा सकेगा। हालांकि, यह योजना तो पुरानी है। लेकिन, बुधवार को उतरेटिया-बछरावां रेल खंड के मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) निरीक्षण के बाद आमजन को इसका लाभ शीघ्र मिलने की उम्मीद जाग उठी है।
लखनऊ से वाराणसी के बीच की दूरी करीब 300 किलोमीटर है। 241 करोड़ से इस रेलखंड पर उतरेटिया से जंघई के बीच रेलवे लाइन के विद्युतीकरण का कार्य जल्द कराया गया है। जंघई से बछरावां तक काम पूरा होने के बाद सीआरएस का निरीक्षण भी हो चुका था। जबकि श्रीराज नगर से उतरेटिया काम चल रहा था। इसके पूरे होने पर बुधवार को सीआरएस शैलेश कुमार पाठक ने इसका भी निरीक्षण किया। इस दौरान मंडल रेल प्रबंधक उत्तर रेलवे संजय त्रिपाठी समेत अन्य अफसर मौजूद रहे। 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को मंजूरी
सीआरएस ने पूरे ट्रैक, रेलवे लाइन, बिजली की लाइन, स्टेशनों और समपार फाटकों का बारीकी से जायजा लिया। फिर ट्रेन चलाकर भी देखी। रेल विकास निगम लिमिटेड के प्रबंधक जेएन मिश्र ने बताया कि सीआरएस ने निरीक्षण के बाद ट्रैक पर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की मंजूरी दी है। साढ़े पांच घंटे चला निरीक्षण
सीआरएस अपनी विशेष गाड़ी से सुबह 10 बजे बछरावां स्टेशन पहुंचे। यहां से 10.40 बजे निरीक्षण शुरू किया, जो दोपहर 1.20 बजे उतरेटिया स्टेशन पर समाप्त हुआ। फिर यहां से 1.55 बजे बिजली इंजन युक्त विशेष गाड़ी से बछरांवा तक डाउन लाइन पर 123 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रॉयल लिया। यह ट्रॉयल 2.20 पर खत्म हुआ।
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