नेता वादा कर वोट लेते और चले जाते..
श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019
महराजगंज : आजादी के सत्तर वर्ष पूरे होने के बाद भी क्षेत्र की समस्याएं चुनावी मुद्दा बन कर रह जाती हैं। नेता आते हैं, वादे करते हैं और वोट लेकर चले जाते हैं। समस्या जस की तस रह जाती। ग्रामीण समस्या से निपटने के लिए जुगाड़ खोजते रहते हैं। महराजगंज क्षेत्र में भी एक ऐसी बड़ी समस्या है जिसे नेता प्रत्येक चुनाव में मुद्दा बनाकर भूल जाते हैं।
पिछले विधान सभा चुनाव में सदर विधान सभा क्षेत्र से कट कर बछरावां विधान सभा में शामिल हुआ क्षेत्र बघई अहलवार व जरैला गांव के बीच एक नैया नाला है। इस नाले को पार करने के लिए लोगों को अब तक एक पक्का पुल नसीब नहीं हुआ। दस किमी की दूरी का चक्कर काटकर सब्जी, भाजी व रोज मर्रे का सामान दवाएं आदि बाजार से लाने को ग्रामीण मजबूर है। दर्जन भर गांव प्रभावित, फिर भी जिम्मेदार मौन
बांस बल्ली के सहारे बने इस पुल से महराजगंज-रायबरेली मार्ग से होकर सेनपुर, जरैला, बघई, पूरे मेहरबान, अहलवार, ओया, पूरे सिघई, पूरे दलजीत सिंह समेत करीब दर्जन भर गांव के लोग पुल से होकर गुजरते हैं। इससे पहरेमऊ तक का रास्ता आसान हो जाता है। बारिश में बढ़ जातीं मुश्किलें
बारिश में नैया अपनी उफान पर चढ़ती तो बांस बल्ली के सहारे बना पुल ढह जाता है। ऐसे में मुश्किल बढ़ जाती है। ग्रामीणों को 10 किमी का चक्कर काटना पड़ता है। इस समस्या को प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों के सामने रखा गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब तक मिला तो कोरा आश्वासन
सुनीता कहती हैं कि अब तक सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिला है। राजवती कहती हैं कि पुल नहीं बनने से गांव मुख्य कस्बे से कट जाता है। कभी कोई बीमार हो जाता है तो जान पर बन आती है। रेखा और राजदीप का कहना है कि अफसर न ही नेता ने ध्यान दिया। पुल नहीं होने से बारिश में कई-कई दिन तक बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। इनकी सुनें
नैया नाला पर पुल नहीं होने से करीब दर्जन भर गांव के लोग प्रभावित हो रहे हैं। उनकी समस्या को दूर कराने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। चुनाव बाद उच्चाधिकारियों से बात की जाएगी। जो भी हल निकलेगा उसे कराया जाएगा।
शालिनी प्रभाकर
एसडीएम महराजगंज