जिला अस्पताल को निर्बाध बिजली आपूर्ति को झटका
--- करोड़ों का बजट खर्च कर छह साल पहले बनाई गई थी नई 33 केवी लाइन
रायबरेली : करोड़ों के खर्च के बाद भी जिला अस्पताल को निर्बाध बिजली आपूर्ति न मिल सकी। इसके लिए बनाई गई नई 33 केवी लाइन भ्रष्टाचार का शिकार हो गई। कई अफसर आए और चले गए। किसी ने ठप पड़ी इस लाइन या अस्पताल की बिजली सप्लाई की तरफ ध्यान न दिया।
पहले जिला अस्पताल को इंदिरा नगर बिजली उपकेंद्र से आपूर्ति होती थी। ओवरलोडिग के कारण अक्सर उपकेंद्र की लाइनों में खराबी आ जाती थी। आम उपभोक्ताओं के साथ जिला अस्पताल को भी बिजली संकट से जूझना पड़ता था। यहां भर्ती मरीज परेशान होते थे। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन समेत अन्य जांचों पर असर पड़ रहा था। इसे देखते हुए करीब छह साल पहले अस्पताल के लिए अलग बिजली लाइन बनाई गई। ओवरहेड लाइनों में अक्सर खामियां आती रहती हैं। इस नाते इस सात किमी लंबी यह पूरी 33 केवी लाइन अंडरग्राउंड रखी गई। अस्पताल में एक छोटा सा बिजली उपकेंद्र बना। साथ ही त्रिपुला स्थित 132 केवी उपकेंद्र से सीधी आपूर्ति के लिए व्यवस्थाएं की गईं। इस तरह इस प्रोजेक्ट पर करोड़ों का बजट सरकार ने खर्च कर दिया, लेकिन नतीजा सिफर रहा।
इनसेट केबल डालने में हुई खूब धांधली
विभागीय जानकारों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में सबसे बड़ा खेल 33 केवी लाइन का अंडरग्राउंड केबल डालने में हुआ। कार्यदायी संस्था ने पेमेंट तो गुणवत्तापरक का लिया, लेकिन काम बेहद घटिया कराया। 33 केवी लाइन की दो केबल पड़ी थी। इस वक्त दोनों ही लाइनें खराब हैं। दो साल से यह बिजली उपकेंद्र शो-पीस बनकर रह गया है। इनकी भी सुनें
बिजली की केबल में खराबी के कारण जिला अस्पताल की 33 केवी लाइन बंद है। कई बार इसे शुरू कराने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इससे उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। ओपी सिंह
एक्सईएन, विद्युत वितरण खंड प्रथम