अटल बिहारी वाजपेयी और गोपालदास नीरज जैसी शख्सियत कभी जुदा नहीं होतीः दिनेश शर्मा
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गीतकार गोपालदास नीरज जैसी शख्सियत कभी मर नहीं सकती। दोनों परम मित्र थे।
रायबरेली (जेएनएन)। सूबे के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गीतकार गोपालदास नीरज जैसी शख्सियत कभी मर नहीं सकती। दोनों ही परम मित्र थे। नीरजजी ज्योतिष अच्छे जानकार थे। उन्होंने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि मेरे और मेरे मित्र के देहावसान में महज 30 दिन का अंतर होगा, जो सत्य साबित हो गया। आज दोनों नहीं है, लेकिन उनकी यादें और विराट व्यक्तित्व आदर्श बना हुआ है।
डॉ. दिनेश शर्मा ने अटलजी की खासियत का जिक्र करते हुए कहा कि मै एक छोटा सा कार्यकर्ता था। लोग मुझे ताना देते थे कि तुम कुछ नहीं कर पाओगे। एक-एक कर सभी लोग साथ छोड़ने लगे। मुझे विश्वास था कि मौका मिलेगा। एक दिन अचानक अटलजी का फोन आया। नौकर ने बताया कि कोई वाजपेयी बोल रहे है। तुरंत दौड़कर फोन रिसीव किया। उधर आवाज आयी कैसे हो। तुमको मेयर का चुनाव लडऩा है।
यह सुनकर मैं अवाक रह गया। कहा कि मेरे पास तो पैसे भी नहीं है। इस पर अटलजी ने कहा कि पैसे से चुनाव नहीं जीता जा सकता है। इसके बाद बड़े पूंजीपतियों के सामने विजय हासिल की। इस दौरान एक दिन के लिए प्रचार में भी आए। खचाखच भीड़ में कहा कि लोकसभा पहुंचाकर कुर्ता पहना दिया। अब पैजामा तब पहनूंगा, जब तुम दिनेश को जिताओगे। उनके भाषण का असर हुआ कि मैं चुनाव जीत गया।
पूर्व प्रधानमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री की तुलना पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अटलजी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए 26 संगठन एकजुट थे। उनका ऐसा स्वभाव था कि अपनी पार्टी ही नहीं विपक्षियों में भी खासे लोकप्रिय थे। इससे पहले उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और उनके साथ आए लैक्सफेड चेयरमैन वीरेंद्र तिवारी का आयोजक पंचवटी विकास समिति के सुरेंद्र बहादुर आदि ने अभिनंदन किया।
सिद्धू का पाकिस्तान जाना उनका निजी मामला
पंजाब कांग्रेस सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान जाने के सवाल पर उप मुख्यमंत्री डा दिवेश शर्मा ने कहा कि सिद्धू जी के बारे में बहुत लोग बोल चुके हैं। अब उनकी प्राथमिकता है कि वह किसके साथ जाएंगे। पाकिस्तान गए है। वहां गले लगे है। तो इतना तो है ही कि वह पाकिस्तान से आने वाले आतंकवाद के खिलाफ कुछ न कुछ बोले होंगे। अटल जी ही सिद्धू को राजनीति में लाए थे। वह अटल जी को अपना अभिभावक मानते थे। जब अटलजी का अंतिम संस्कार हो रहा हो, तो ऐसे में सिद्धूजी का पाकिस्तान जाना कहीं न कहीं शंका पैदा करता है। गुलाम कश्मीर के राष्ट्रपति के बगल में बैठना यह शायद भारतवासियों को अच्छा नहीं लगा हैँ। खैर सिद्धूजी की अपनी पार्टी है। यह उनका अपना मामला है। निश्चित तौर पर वह इसका जवाब भी देंगे।
एसपी को फर्जी मुकदमें हटाने के दिए निर्देश इस दौरान डिप्टी सीएम ने एसपी सुजाता सिंह को बुलाकर कानून व्यवस्था के बारे में पूछा। कहा कि विधायकों से बात होती है कि नहीं। इस पर एसपी ने कहा कि हां सबसे होती है। उन्होंने कहा कि जिस पर फर्जी मुकदमें दर्ज हैं, उनका निस्तारण कर हटा दें। किसी का उत्पीडऩ नहीं होना चाहिए।