शरद पूर्णिमा पर गंगा में आस्था की डुबकी
रायबरेली : शरद पूर्णिमा पर बुधवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डलमऊ के विभिन्न
रायबरेली : शरद पूर्णिमा पर बुधवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डलमऊ के विभिन्न गंगा घाटों पर डुबकी लगाई। बुधवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान शुरू किया जो दोपहर तक चलता रहा। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर स्थित विभिन्न देवी देवताओं के मंदिरों में पूजन अर्चन कर परिवार के कल्याण की कामना की। डलमऊ बड़ा मठ के महामंडलेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरि ने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान कर गरीबों को दान देने का विशेष महत्व है।
कार्तिक माह त्योहारों का माह माना जाता है। कार्तिक माह शरद पूर्णिमां से शुरु होता है, इसी दिन से ही घरों में लोग मंदिरों, नदियों व तुलसी के पौधे के नीचे दीप जलाना शुरु करते हैं जो एक माह तक अनवरत चलता है और कार्तिक पूर्णिमा को समाप्त हो जाता है। धार्मिक कथाओं व पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह में दीपदान करने का विशेष महत्व माना गया है। दीप दान करने मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं जिससे घर परिवार में सुमति व संपन्नता बनी रहती है।
लगाई गंगा में डुबकी
संवादसूत्र, उंचाहार : बुधवार को शरद पूर्णिमा के मौके पर क्षेत्र के विभिन्न गंगा घाटों पर हजारों लोगों ने गंगा स्नान किया है। सबसे ज्यादा भीड गोकना गंगा घाट पर रही। क्षेत्र के गोकना गंगा घाट पर मंगलवार रात से ही स्नानार्थियों का आना शुरू हो गया था। सलोन, नसीराबाद, परशदेपुर, छतौह आदि दूर दराज क्षेत्रो से बसों द्वारा लोग मंगलवार शाम को ही गंगा घाट पहुंच चुके थे। बुधवार प्रात: चार बजे से स्नान पूजन का कार्यक्रम शुरू हुआ जो बुधवार दोपहर बाद तक चलता रहा। स्नान के दौरान गंगा घाट पर मेले जैसा ²श्य था। गोकना घाट के अलावा क्षेत्र के पूरे तीर, कोटरा बहादुर गंज गंगा घाट पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने गंगा मे डुबकी लगायी। गंगा स्नान के कारण क्षेत्र के जमुनापुर और चड़रई चौराहा पर जाम की समस्या भी बनी रही।
शरद पूर्णिमा पर चद्रंमा करता है अमृत वर्षा
संवादसूत्र, लालगंज: शरद पूर्णिमा की संध्या पर भगवान राम का राजतिलक कार्यक्रम आचार्याें द्वारा किया गया। इस मौके पर प्रसाद वितरण भी हुआ। कस्बे के गांधी चैराहा निवासी उमाशंकर बाजपेई के आवास पर आयोजित रामचरित मानस अखंड पाठ के दूसरे दिन बुधवार को भगवान श्रीराम का राजतिलक कार्यक्रम खागा, फतेहपुर से पधारे आचार्य राधेश्याम बाजपेई ने संपन्न कराया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि चंद्रमा को पूर्णिमा तिथि बेहद प्रिय है। प्रत्येक माह की पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा अमृत वर्षा करता है, लेकिन शरद पूर्णिमा पर होने वाली अमृतवर्षा का अलग ही महात्म्य है। शरद ऋतु का चंद्रमा माता की तरह स्नेहिल, पुष्टिदायक, कांतिवर्धक किरण देता है। इस दिन चंद्रमा की किरणों में खीर रखकर माता लक्ष्मी सहित भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस मौके पर उमाशंकर, रमाशंकर, चक्रपाणि त्रिवेदी, बबलू बाजपेई, गुड्डू तिवारी, भूपेन्द्र मिश्रा, करुणा निधान द्विवेदी, बचोले, धुन्नू, सीताराम पाल,नवल अवस्थी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।