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राना की जन्मस्थली 'उड़वा' सिर्फ नाम का आदर्श गांव

रायबरेली जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर जगतपुर विकासखंड का गांव उड़वा स्वतंत्रता संग्राम

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 10:54 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 10:54 PM (IST)
राना की जन्मस्थली 'उड़वा' सिर्फ नाम का आदर्श गांव
राना की जन्मस्थली 'उड़वा' सिर्फ नाम का आदर्श गांव

रायबरेली : जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर जगतपुर विकासखंड का गांव उड़वा स्वतंत्रता संग्राम के महानायक अमर शहीद राना बेनी माधव सिंह की जन्मस्थली है। इस ऐतिहासिक गांव को वर्ष 2014 में जिले की सांसद सोनिया गांधी ने आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया। यहां विकास की नई इबारत लिखने का दावा किया गया मगर, हकीकत बहुत बदरंग है।

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उड़वा गांव सभा की कुल आबादी लगभग छह हजार है। शिक्षा के नाम पर एक-एक प्राथमिक विद्यालय और जूनियर विद्यालय हैं। निजी भवन न होने के कारण आंगनबाड़ी केंद्र भी प्राथमिक विद्यालय में ही संचालित होता है। गर्भधात्रियों की समुचित देखभाल के लिए एएनम सेंटर भी नहीं है। गांव से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दूरी तकरीबन सात किमी है। गांव में 11 लोग सरकारी और सात लोग प्राइवेट नौकरी करते हैं। लगभग 25 लोग स्वयं का व्यवसाय करते हैं। कुल आबादी की 95 फीसद जनता खेती पर निर्भर है। सिचाई के साधनों का भी उचित इंतजाम नहीं है। निजी नलकूप के भरोसे ही किसान अन्न उपजा रहे हैं।

कभी गांव नहीं आईं सांसद

ग्रामीण दर्शन लाल, वाहिद अली, अनुज, पप्पू सोनी, मोहम्मद इश्तियाक, पराग, प्रभु कुमार, बिदादीन, बलवंत मौर्य आदि का कहना है कि गांव को गोद लेने के बाद आज तक सांसद यहां नहीं आई। सांसद निधि से गांव में मात्र एक खड़ंजा लगाया गया। सांसद के गोद लेने के बाद राजनीतिक रस्साकशी के कारण विकास कार्य सही ढंग से नहीं हो सके। ग्राम प्रधान राधेश्याम मौर्य ने बताया कि सांसद जी के गोद लेने के बाद भी गांव में कोई नया कार्य नहीं हो सका। मजदूरों के लिए मनरेगा ही एकमात्र परिवार चलाने का साधन बना हुआ है।

योजनाएं बनीं लेकिन, बजट..

कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष राकेश सिंह राना ने बताया कि जब सांसद ने गांव को गोद लिया तो यहां तमाम अधिकारी आए। 50 करोड़ से ज्यादा बजट की योजनाओं का खाका तक तैयार किया गया मगर, केंद्र सरकार ने बजट नहीं दिया। नतीजन विकास कार्य उस तरह नहीं हो सके। सांसद निधि से गांव में दो सौ मीटर इंटर लॉकिग कराई गई। 15 इंडियामार्का और पांच सोलर लाइटें लगाई गईं। स्मृति द्वार बनने जा रहा है। सांसद के प्रयास से उड़वा से तिवारीपुर को जाने वाले मार्ग का डामरीकरण कराया गया।


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