सालों बाद आई मुस्कान मौसम ने छीनी
सालों बाद इस बार आलू की अच्छी फसल तैयार हुई थी। जिसे देख किसान फूले नहीं समा रहे थे। अच्छे मुनाफे की उम्मीद थी। लेकिन मौसम ने सब पर पानी फेर दिया। आलू की फसल बर्बाद हो गई। इसके साथ सरसो भी प्रभावित हुई। बचत की कौन कहे अब तो लागत भी निकल पाना मुश्किल है। जिसे लेकर इलाके के किसान खासे परेशान नजर आ रहे हैं।
रायबरेली : सालों बाद इस बार आलू की अच्छी फसल तैयार हुई थी। जिसे देख किसान फूले नहीं समा रहे थे। अच्छे मुनाफे की उम्मीद थी। लेकिन, मौसम ने सब पर पानी फेर दिया। आलू की फसल बर्बाद हो गई। इसके साथ सरसो भी प्रभावित हुई। बचत की कौन कहे, अब तो लागत भी निकल पाना मुश्किल है। जिसे लेकर इलाके के किसान खासे परेशान नजर आ रहे हैं।
सर्दी का मौसम इस बार क्षेत्र के किसानों के लिए आफत बन गया। इलाके के किसानों के मुरझाए हुए चेहरों को देख इसका अंदाजा साफ लगाया जा सकता है। आलू की फसल झुलसा रोग की चपेट में आ गई। वहीं सरसो की फसल के फूल और फलियां कोहरे व पाले में झुलस गई हैं। कहिजर गांव के नरेन्द्र सिंह, रामशरण सिंह, गिरीश सिंह और रसूलपुर के अनिल वाजपेयी समेत अन्य किसानों का कहना है कि कई साल बाद इस बार आलू की अच्छी फसल तैयार हो रही थी। ठीक-ठाक बचत का अंदाजा लगाया जा रहा था। सरसो का भी उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद थी। लेकिन, मौसम ने किसानों के इन सारे सपनों पर पानी फेर दिया। कोहरे और पाले के कारण फसलें चौपट हो गईं है। किसानों का कहना है कि अब फायदे की बारे में सोचना बेकार है। फसलों की जो स्थिति है, उसमें तो लागत निकल आए तो वही बहुत है।