मौत, ट्रेन नहीं कार की ओर खींच ले गई
रायबरेली : मौत कब और कहां आनी है, शायद सब कुछ तय रहता है। वह वहीं ले जाकर अपना क
रायबरेली : मौत कब और कहां आनी है, शायद सब कुछ तय रहता है। वह वहीं ले जाकर अपना क्रूरतम चेहरा दिखाती है। गुरुवार को ऐसा ही कालचक्र चला, जो प्रयागराज से निकलकर रायबरेली के बछरावां के पास पांच लोगों की जान ले बैठा। कार सवारों को यूं तो जाना था ट्रेन से, लेकिन वे स्टेशन देर से पहुंचे। गाड़ी छूट गई थी। ऐसे में उन्होंने किराए की कार कर ली।
प्रयागराज के जीटीबी नगर निवासी विभूती शर्मा अपनी बहन के यहां हरदोई जा रहे थे। उनके साथ उनका परिवार भी था। उनके इस सफर की तैयारी पहले से थी। बताते हैं कि पूरे परिवार को ट्रेन से जाना था। प्रयागराज से ट्रेन पकड़नी थी, मगर नियति को तो कुछ और ही मंजूर था। विभूती, उनकी पत्नी कंचन, मां माधुरी और छोटी बेटी जासू की किस्मत में इतनी ही ¨जदगी लिखी थी। वहीं बड़ी बेटी काव्या को अपनों से बिछड़ना था, तो ऐसे में ट्रेन कहां मिलती। उन्हें तो काल सड़क के रास्ते कार से ले जाना चाहता था।
काल ने कुंदनगंज में बिछा रखा था जाल
ट्रेन तो अपने समय पर निकल गई, मगर परिवार को स्टेशन तक पहुंचने में देरी हो गई। विभूती या उनके परिवार को इसका अंदेशा नहीं था कि अब दोबारा घर नहीं लौटेंगे। ऐसे में उन्होंने कार से यात्रा करने का मन बनाया। बताते हैं कि वहीं से किराए की कार ली और फिर चल पड़े हरदोई की तरफ। कुंदनगंज के निकट काल पहले ही अपना जाल बिछाए बैठा था। जिसमें परिवार की खुशियों ने फंस कर दम तोड़ दिया।