¨हदी सम्मेलन में मॉरीशस जाएंगे दयाशंकर
जासं, रायबरेली : परीक्षा में मिले अंक से प्रतिभा का आकलन नहीं किया जा सकता है। कुछ ऐसा क
जासं, रायबरेली : परीक्षा में मिले अंक से प्रतिभा का आकलन नहीं किया जा सकता है। कुछ ऐसा कर दिखाया दयाशंकर ने। हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में अंक भले ही कम मिले, लेकिन शिक्षक पिता हमेशा प्रेरणा देते रहे। आगे बढ़ने के लिए हौसला अफजाई किया। इसके बाद दयाशंकर ने वह कर दिखाया, जो एक टॉपर की ख्वाहिश होती है। उसे विश्व ¨हदी सम्मेलन में मॉरीशस से बुलावा आ गया।
हरचंदपुर ब्लॉक के मझिगवां राव निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक छंगालाल के तीन बेटों में दयाशंकर सबसे छोटा है। हाईस्कूल तक की पढ़ाई स्थानीय बाल विद्या मंदिर गंगागंज में की। इसके बाद महात्मा गांधी इंटर कॉलेज से इंटर उत्तीर्ण किया। एफजी कॉलेज में स्नातक के लिए प्रवेश लिया। ¨हदी में रुचि होने के कारण पिता लगातार प्रेरणा देते रहे। यहां पर ¨हदी और संस्कृत से स्नातक और ¨हदी से परास्नातक किया। परीक्षा में कम नंबर के बाद भी कभी निराश नहीं हुए। इसकी वजह पिता की प्रेरणा रही। इसके बाद ¨हदी में वह कर दिखाया, जो टॉपर का सपना होता है। मॉरीशस में होने वाले विश्व ¨हदी सम्मेलन से बुलावा आ गया। नंबर से नहीं आंकी जाती प्रतिभा
दयाशंकर ने यह साबित कर दिया कि कोई भी प्रतिभा परीक्षा में मिले नंबर से नहीं आंकी जा सकती है। हाईस्कूल में 57 प्रतिशत अंक तो इंटर में 65 प्रतिशत अंक प्राप्त किया। इसके बाद स्नातक में 55 और परास्नातक में 54 प्रतिशत अंक हासिल किया। देश के 27 विद्वान होंगे शामिल
ग्यारहवें विश्व ¨हदी सम्मेलन में विश्वभर के ¨हदी विद्वान शामिल होंगे। इसमें सिर्फ भारत से 27 विद्वानों को आमंत्रण भेजा गया है। इस दौरान उनके शोध और आलेख को पढ़ने का मौका मिलेगा। दयाशंकर के चयन से जिले का गौरव बढ़ा है। वहीं, शिक्षकों ने उपलब्धि को छात्रों के लिए प्रेरणादाई बताया है। बधाई देने वालों का लगा तांता
दयाशंकर के चयन से बधाई देने वालों का तांता लगा है। डॉ. चंपा श्रीवास्तव, डॉ. आरबी श्रीवास्तव, डॉ. संतलाल, अजय ¨सह चौहान, सर्वानंद पांडेय आदि ने बधाई दी।