19 साल बाद कोर्ट ने किया इंसाफ, मां को मरने पर मजबूर करने पर दी ये सजा Raibareilly News
मां को आत्महत्या के लिए उकसाने में बेटा-बहू और पोते को कोर्ट ने दी सजा
रायबरेली, जेएनएन। कहा जाता है इंसाफ देर से मिलता है, लेकिन मिलता जरूर है। ऐसे ही एक मामले में कोर्ट ने 19 साल बाद इंसाफ किया है। कोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में कलयुगी बेटे, बहु और पोते को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। हालांकि फैसला आने में काफी समय लग गया।
यह है मामला
मामला 19 साल पुराना है। कोतवाली सलोन के सभा गोड़वा हसनपुर निवासी महिला अपनी छोटी बहू के साथ अलग रहती थी। बड़ा बेटा अकसर मां के साथ मारपीट करता था। 4 अक्टूबर 2000 को चन्द्रमूल व उसके परिवार ने मां को बहुत मारा पीटा। साथ ही चारा मशीन उखाड़कर फेंक दिया। तंग आकर मां ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
छोटी बहू ने की थी शिकायत
छोटी बहू की शिकायत पर पुलिस ने बेटे चन्द्रमूल, बहू शशिप्रभा, पोते आनन्द व पोती अनामिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। अनामिका का विचारण हाइकोर्ट से स्टे हो गया। तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा चला। गवाहों के बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया गया। अधिवक्ता अवधेश पांडेय ने बताया कि दोषी पाए जाने पर अपर जिला जज हीरालाल ने तीनों को सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया है। तीनों लोगों को पांच-पांच साल की सजा और पांच-पांच हजार का अर्थदंड भी लगाया है।
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