'जनता ने जिताया' तभी संगठन निशाने पर आया
रायबरेली कांग्रेस की जिला इकाइयां सोमवार को भंग कर दी गईं। इसकी नींव 12 जून को जिले के
रायबरेली : कांग्रेस की जिला इकाइयां सोमवार को भंग कर दी गईं। इसकी नींव 12 जून को जिले के भुएमऊ गेस्ट हाउस में तब पड़ी थी, जब पूर्वी उत्तर प्रदेश के बड़े नेता कांग्रेस की महासचिव से मिलने आए थे। हारे हुए उम्मीदवार, समन्वयक और जिलाध्यक्ष ने बारी-बारी अपनी बात कही थी। शाम को जब स्थानीय लोगों के बीच प्रियंका वाड्रा संबोधन करने खड़ी हुईं तो वे तीखे तेवर में थीं। संगठन को आईना दिखाते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि 'सोनिया गांधी को जनता ने जिताया है'। समीक्षा में उन चेहरों को बेनकाब करेंगी, जो पार्टी में रहते हुए भी सजग नहीं थे।
शहर से करीब छह किलोमीटर भुएमऊ गेस्ट हाउस है। जिले में जब कभी कांग्रेस के शीर्ष नेता आते हैं तो यहीं ठहरते हैं। 12 जून को रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी आभार जताने के कार्यक्रम में शामिल होने आईं थीं। पूर्वी उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका वाड्रा अपनी मां के साथ थीं। यहीं पर सुबह से शाम तक प्रदेश के 40 जिलों के जिलाध्यक्षों, समन्वयक और लोकसभा में पार्टी के प्रत्याशी रहे कांग्रेसजनों को बुलाया गया था। एक-एक करके नेता अंदर जाते रहे। प्रियंका वाड्रा सबसे फीडबैक लेती रहीं। लब्बोलुआब यह निकला कि खस्ताहाल संगठन प्रत्याशियों के साथ बूथ स्तर तक खड़ा ही नहीं हो सका। उम्मीदवारों ने तो साफ बता दिया कि संगठन सिर्फ कागजी कोरम पूरा करने का दस्तावेज है और कुछ नहीं। कुछ नेताओं का तो सीधा आरोप था कि संगठन के जिम्मेदार हर कदम पर सिर्फ पैसा तलाशते हैं। चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के साथ उनकी और कोई भूमिका होती ही नहीं। शाम होते-होते प्रियंका वाड्रा यह जान चुकी थीं कि कांग्रेस का संगठन सिर्फ नाम का बचा है। उसी दिन यह बात छनकर आ गई थी कि 40 जिलाध्यक्षों की कुर्सी एक साथ जाएगी।
हटे हैं कि बचे, हमें पता नहीं
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वीके शुक्ल से जब पूछा गया कि पार्टी की जिला इकाईयां भंग कर दी गई हैं। यह सूचना उन्हें मिली है या नहीं, तो उनका कहना था कि अभी हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है।