कांग्रेस विधायक भी पहुंचे 'रामकाज' को
रसिक द्विवेदी, रायबरेली : यहां दलीय सीमा की कोई बाधा नहीं थी। मन में नफा-नुकसान का कोइ
रसिक द्विवेदी, रायबरेली : यहां दलीय सीमा की कोई बाधा नहीं थी। मन में नफा-नुकसान का कोई भाव भी नहीं था। बस ललक थी अपने आराध्य के दर्शन की। यह जानने की उत्कंठा भी कि आखिर धर्मसभा के मंथन से कौन सा रत्न निकलेगा जो जन्मभूमि पर भव्य निर्माण का चमत्कार करेगा। जी, हां कांग्रेस विधायक ऐसे ही भाव लेकर रविवार को लाव लश्कर के साथ रामनगरी पहुंचे।
दरअसल, हरचंदपुर से कांग्रेस विधायक राकेश प्रताप ¨सह पहले से ही अपनी रामभक्ति के नाते अलग छवि बनाए हुए हैं। कांग्रेसी होने के बावजूद उन्होंने कभी दलीय बंदिश स्वीकार नहीं की। वह सार्वजनिक रूप से तो नहीं, लेकिन अयोध्या में होने वाली धर्मसभा में स्थानीय लोगों को भेजने की जुगत में लगे थे। रविवार सुबह विधायक भी अपने वाहनों के काफिले के साथ अयोध्या पहुंचे। हालांकि भारी भीड़ होने के चलते वे सभा स्थल तक नहीं जा सके। कौन है राकेश प्रताप ¨सह
हरचंदपुर से विधायक हैं राकेश ¨सह। वे रायबरेली के पंचवटी परिवार से हैं। यह परिवार इसी वर्ष कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुआ। लेकिन, विधायक ने दल नहीं बदला। उनके बड़े भाई एमएलसी दिनेश प्रताप ¨सह व जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश प्रताप ¨सह भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि इस आयोजन में भी राकेश पर्दे के पीछे खड़े रहे।
इनसेट
मंदिर की खातिर विधायकी भी दे सकता हूं
विधायक राकेश प्रताप ¨सह से जब पूछा गया कि क्या आप भी अयोध्या धर्मसभा में गए थे। वे हंसने लगे..बोले आपने कहां देखा। जब उनसे पूछा गया कि आप तो कांग्रेस विधायक हैं। अयोध्या जाने के लिए पार्टी का कोई ऐसा आदेश-निर्देश तो नहीं था। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस विधायक भले ही हैं, इससे हमारी भगवान पर आस्था थोड़े ही कम हो जाएगी। मैं सबसे पहले ¨हदू हूं। विधानसभा क्षेत्र से अयोध्या जाने वालों के सवाल पर वह वे हंसने लगे। फिर कहा कि पांच-छह हजार ¨हदू गए रहे होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राममंदिर बनना चाहिए। इसकी खातिर अगर जरूरत पड़े तो अपना इस्तीफा भी दे सकते हैं।