सफाई कर्मियों के बहिष्कार पर लिपिकों का निंदा प्रस्ताव
रायबरेली : पालिका में इन दिनों कुछ भी सही नहीं चल रहा है। सफाई कर्मी लगातार आंदोलित हैं। वहीं अब लिपिक संवर्ग भी मैदान में आने को तैयार है। वजह लगातार वरिष्ठ लिपिक के खिलाफ सफाई कर्मियों का विरोध प्रदर्शन करना।
अभी तक कमेटी की ओर से चल रही जांच में सफाई कर्मियों द्वारा कोई भी महत्वपूर्ण साक्ष्य नहीं दिया गया। जांच कमेटी की चार बार बैठक हो चुकी है। दोनों पक्ष के बयान भी ले लिए गए हैं। ऐसे में वरिष्ठ लिपिक पर कार्रवाई न होता देख बुधवार को एक बार फिर सफाई कर्मी आंदोलित हो गए। कार्य बहिष्कार करते हुए नगर पालिका कार्यालय में प्रदर्शन किया। वहीं इसकी भनक लिपिक संवर्ग को लगी तो वह भी आंदोलन की राह पर चलने की तैयारी करने लगे। कार्यालय में बैठक के बाद सफाई कर्मियों के व्यवहार की भर्त्सना करते हुए निंदा प्रस्ताव पारित कर प्रभारी ईओ को सौंपा। उनका कहना है कि जब साक्ष्य नहीं तो फिर कार्रवाई के लिए दबाव क्यों। साथ ही चेतावनी दी कि यदि बेवजह किसी लिपिक को परेशान किया जाता है तो कामकाज ठप कर दिया जाएगा। पालिका अफसरों के ढुलमुल रवैये से व्यवस्था बिगड़ती जा रही है।
जांच कमेटी से संतुष्ट नहीं सफाई कर्मी
नगर पालिका में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे सफाई कर्मियों ने जांच कमेटी से असंतुष्टि जताई। जिलाध्यक्ष दिनेश वाल्मीकि ने कहा कि आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को फर्जी नियुक्त किया गया है। जिला महासचिव संजय मौर्य ने कहा कि बड़े बाबू के आरोपों की जांच वे लोग कर रहे हैं, जिनके स्वयं भ्रष्टाचार में सम्मलित होने की संभावना है। बैठक में आशीष द्विवेदी, शिवशंकर लाल, अंजनी कुमार, सिकंदर, सोनू वाल्मीकि, आशीष पाल, घनश्याम, प्रहलाद, विनोद राज आदि मौजूद रहे।
निलंबन की धमकी देकर बना रहे दबाव
प्रधान लिपिक आशुतोष सिंह के खिलाफ सफाई कर्मियों के हड़ताल के विरोध में लिपिक संवर्ग एकजुट होने लगा है। बुधवार को पालिका अध्यक्ष को संबोधित ज्ञापन प्रभारी अधिशासी अधिकारी गिरीश बहादुर सिंह को सौंपते हुए सफाई कर्मियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। लिपिक शरद कुमार त्रिवेदी, कृष्ण कुमार, राम प्रकाश शुक्ल, अमित श्रीवास्तव, अजय कुमार आदि का कहना है कि कुछ बाहरी तत्व सफाई कर्मियों को आगे करके अपना हित साध रहे हैं। उनका साथ नहीं देने पर निलंबन और स्थानांतरण कराने की धमकी दे रहे हैं। इसमें संजय मौर्या की संलिप्तता है। इसकी जांच होनी चाहिए।
मामला संज्ञान में है। प्रकरण की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। दोनों पक्ष के बयान दर्ज हो चुके हैं। जांच रिपोर्ट मिलने का इंतजार है।
आशीष कुमार सिंह, अधिशासी अधिकारी