चुनाव सामग्री पर आयोग की नजरें टेढ़ी
रायबरेली चुनाव सामग्री का हिसाब प्रत्याशियों के साथ ही प्रिटिग प्रेस संचालक को भी रखना पड़
रायबरेली : चुनाव सामग्री का हिसाब प्रत्याशियों के साथ ही प्रिटिग प्रेस संचालक को भी रखना पड़ेगा। प्रत्याशियों के साथ ही संचालकों को इसका ब्योरा देना होगा। इसका उद्देश्य चुनाव में गलत आंकड़े प्रस्तुत करने वाले प्रत्याशियों पर शिकंजा कसना है।
लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा बैनर, पोस्टर और होर्डिंग छपवाए जा रहे हैं। इस पर प्रशासनिक अफसर पल-पल की सूचना एकत्र करने में लगे हैं। इसके लिए बकाया टीम भी बनाई गई, जो नजर रखेगी। आयोग के निर्देशानुसार सभी प्रिटिग प्रेस संचालकों को छपवाए गए पोस्टर, पंपलेट आदि के आंकड़े दुरुस्त रखना होगा। साथ ही स्थापित प्रिटिग प्रेस के प्रोपराइटर/मालिकों को निर्वाचन के संबंध में मुद्रित पोस्टर, बैनर आदि की संख्या, लागत का विवरण भी रखना होगा। ऐसा नहीं करने वाले संचालकों पर आचार संहिता के उल्लंघन मानते हुए वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
साइजवार रेट फिक्स, नहीं चलेगी मनमानी
चुनाव आयोग की ओर से साइज के अनुसार रेट फिक्स कर दिया गया है। इसमें किसी तरह की मनमानी नहीं हो सकेगी। इसी रेट के अनुसार प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा। ऐसे में फर्जी बिलिग भी नहीं हो सकेगी।