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बारिश से बढ़ी सर्दी, जनजीवन अस्तव्यस्त

जिले में शुक्रवार को मौसम का मिजाज बदला-बदला रहा। गुरुवार को दिन भर बदली छाई

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 11:39 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 06:10 AM (IST)
बारिश से बढ़ी सर्दी, जनजीवन अस्तव्यस्त
बारिश से बढ़ी सर्दी, जनजीवन अस्तव्यस्त

रायबरेली : जिले में शुक्रवार को मौसम का मिजाज बदला-बदला रहा। गुरुवार को दिन भर बदली छाई थी। रात में बारिश शुरू हुई तो फिर रुक-रुक कर सुबह तक होती रही। कुछ इलाकों से बिजली भी गिरी। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। बरसात के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। सर्दी से लोग कंपकंपाते नजर आए। स्थायी और अस्थायी रैन बसेरों की व्यवस्था बेपटरी रहा। गली-गलियारों में जलभराव और कीचड़ से लोगों को जूझना पड़ा। बिजली ने खूब परेशान किया। शहरी जहां मौसम के इस रंग से बेहाल दिखे। वहीं ग्रामीण इलाकों में किसानों के चेहरों पर खुशी और चिता दोनों ही दिखी। सर्दी से राहत दिलाने में नाकाफी रहीं व्यवस्थाएं नगर पालिका ने शहर में तीन जगह अस्थाई रैन बसेरा बनवाए हैं। इनमें सुपर मार्केट में रैन बसेरे का तंबू उड़ गया था तो रजाई गद्दे भी भीग गए। बस स्टेशन पर जिस छत के नीचे रैन बसेरा बनाया गया था, वहां कर्मचारियों ने अपने वाहन खड़े कर दिए जिससे लोग परेशान दिखे। शहर के डिग्री कॉलेज चौराहा, घंटाघर, बस स्टेशन, जिला अस्पताल समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की आंच भी लोगों को नसीब नहीं हुई। अचानक पहुंचा संदेश और घरों को लौटे बच्चे

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शुक्रवार की सुबह भी बच्चे घर से तैयार होकर स्कूल के लिए निकले थे। कई बच्चे बस पर सवार भी हो चुके थे। मगर, इसी दौरान सर्दी के मद्देनजर स्कूल बंद किए जाने का संदेश पहुंच गया। इसके बाद सभी को वापस लौटना पड़ा। परिषदीय विद्यालयों में जानकारी नहीं होने पर बच्चे काफी देर तक इंतजार करते रहे। जलभराव और कीचड़ से चलना हुआ मुश्किल

शहर में अस्पताल चौराहा, कचेहरी रोड, सत्य नगर, सब्जी मंडी, गल्ला मंडी, घोसियाना में जल निकासी की अव्यवस्था के कारण हल्की बारिश में ही जलभराव हो गया। वहीं डिग्री कॉलेज चौराहे से घोसियाना को जाने वाले रास्ते पर नाले का मलवा पड़ा था। पूरी सड़क पर कीचड़ फैला रहा। शिवगढ़ ब्लॉक क्षेत्र में भवानीगढ़ चौराहे के पास बिजली गिरने से एक पेड़ धराशायी हो गया। गिरी फसल, खेतों में भर गया पानी

गेहूं की बोआई का समय चल रहा है। जिन किसानों ने 10 से 15 दिन पहले बोआई की थी, उनके लिए तो यह बारिश वरदान साबित हुई। लेकिन, जो खेत तैयार करके बैठे थे, उन्हें कम से कम 15 दिन तक इंतजार करना पड़ेगा। अरहर, चना, मटर और सरसो की फसल को भी नुकसान हुआ है। बेपटरी हुई शहर की बिजली आपूर्ति व्यवस्था

बारिश के कारण शहर की बिजली आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। इंदिरानगर, गोरा बाजार, तेलियाकोट, प्रगतिपुरम, आइटीआइ समेत हर उपकेंद्र की लाइनें गड़बड़ी के कारण बंद रहीं। कहीं दो घंटे तो कहीं छह घंटे बिजली नहीं मिली। ग्रामीण इलाकों में भी बिजली की समस्या से लोगों को जूझना पड़ा।


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