जिला अस्पताल की कैंटीन का लाइसेंस होगा निरस्त
रायबरेली : जिला अस्पताल की कैंटीन में मिलावटी हल्दी के इस्तेमाल पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग
रायबरेली : जिला अस्पताल की कैंटीन में मिलावटी हल्दी के इस्तेमाल पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग सख्त हो गया है। एक-दो दिन के भीतर कैंटीन का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। इसका मुकदमा एसीजेएम कोर्ट में चलेगा।
लगभग चार माह पूर्व विभागीय टीम ने कैंटीन से हल्दी और आटे का नमूना लिया था। इसकी जांच लखनऊ में फॉरेंसिक लैब में हुई थी। जांच रिपोर्ट आने पर पता चला कि हल्दी पाउडर में ¨सथेटिक पाउडर की मिलावट की गई है। इसके इस्तेमाल से कैंसर की बीमारी का खतरा रहता है। मिलावटखोरी पकड़े जाने के बाद एफएसडीएम द्वारा जल्द ही कैंटीन का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। अभिहीत अधिकारी शशांक त्रिपाठी के मुताबिक जल्द ही ये कार्रवाई की जाएगी। मामला गंभीर है, इसलिए इसका मुकदमा एसीजेएम कोर्ट में चलेगा। हल्दी पाउडर किसी ब्रांडेड कंपनी का नहीं बल्कि खुले बाजार से खरीदा गया था। आटे की रिपोर्ट अभी नहीं आयी है।
दाल, रोटी और मिक्स सब्जी
जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को दोनों वक्त दाल, मिक्स सब्जी और छह रोटियां दी जाती हैं। खाना अस्पताल में ही कैंटीन में बनता है। बर्न वार्ड के मरीजों को दूध उपलब्ध कराया जाता है। वहीं आंख के रोगियों के लिए खिचड़ी परोसी जाती है।
दावा, ब्रांडेड के इस्तेमाल का
कैंटीन संचालक अरुण त्रिपाठी का कहना है कि अस्पताल मैनुअल के अनुरूप हम ब्रांडेड मसालों का ही प्रयोग करते हैं। उस वक्त जब नमूना लिया गया, तब भी ब्रांडेड हल्दी पाउडर ही इस्तेमाल किया जा रहा था। नमूना करीब एक साल पहले लिया गया। अब रिपोर्ट आयी है।
पामोलिन तेल का नमूना फेल
एफएसडीए ने अप्रैल 18 में मलिकमऊ चौबारा स्थित विष्णु रक्षा द्विवेदी की दुकान से रिफाइंड पामोलिन तेल का नमूना लिया गया था। जांच में नमूना फेल आया है। अब विभाग विक्रेता और निर्माता कानपुर एडिबिल्स प्राइवेट लिमिटेड, कानपुर के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है। इसके अलावा तेजगांव के मदनगांव में संतोष मिश्र की दुकान से तेल का नमूना 20 जून को भरा गया था। इसमें भी मिलावट की पुष्टि हुई है। इन पर भी कार्रवाई तय है। ऊंचाहार के राम नरेश के यहां से लिए गए दूध का नमूना भी मानकों पर खरा नहीं उतरा। सभी को नोटिस जारी कर दी गई है।