नहर कटी , 50 बीघे फसल जलमग्न
लालगंज (रायबरेली) रविवार देर शाम नहर पटरी कटने से कई गांवों में पानी घुस गया। कर
लालगंज (रायबरेली) : रविवार देर शाम नहर पटरी कटने से कई गांवों में पानी घुस गया। करीब 50 बीघे फसल जलमग्न हो गई। ग्रामीण सुबह सोकर उठे तो हक्का बक्का रह गए। सबसे ज्यादा प्रभावित चांदा गांव रहा। सोमवार की दोपहर कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने कटी नहर को दुरुस्त किया।
चांदा गांव के सामने से गुजरी बन्नामऊ रजबहा की नहर पटरी दो जगह से कट गई। धीरे-धीरे पानी खेतों में भरने के साथ ही गांव के अंदर घुसने लगा। रात में ग्रामीणों को इसका पता नहीं चल सका। सुबह आंख खुली तो किसी के घर के बाहर तो किसी के घर के अंदर तक पानी भरा मिला। गांव निवासी सुदर्शन, रामलखन, राघवेंद्र सिंह, नंद कुमार, मान बहादुर कुशवाहा आदि के घर पानी से घिर गए। चारों ओर पानी भरने से मवेशी बांधने की समस्या खड़ी हो गई। सुबह तक पानी का तेज बहाव न रुका तो ग्रामीणों ने बंधा बनाकर इसे रोकने का प्रयास किया। जिसके बाद पानी बहता हुआ बन्नामऊ, तौधकपुर गांव तक भी पहुंच गया।
बन्नामऊ गांव में संतोष, दद्न, रामनाथ, कृपाल आदि के घर भी पानी से घिर गए। तौधकपुर के खेतों में भी पानी भरा है। ग्रामीणों ने बताया कि कई दशकों से नहरें सूखी पड़ी थीं। इनमें पानी आने से पहले सफाई कराई गई, लेकिन पटरियों को दुरुस्त नहीं कराया गया। अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर आक्रोश जताया है। ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 50 बीघे फसल में पानी भरा था, लेकिन ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।
बर्बाद हुई सरसों की फसल
इस वक्त किसान सरसों की फसल काट रहे हैं। नहर कटी तो उन किसानों को ज्यादा नुकसान हुआ, जिनके खेतों में सरसों की फसल कटी पड़ी थी। बन्नामऊ गांव निवासी उदयभान सिंह की डेढ़ बीघा, रमेश सिंह व वासुदेव सिंह की लगभग सात-सात बिस्वा सरसों की फसल पानी में डूब गई।
शारदा नहर उन्नाव खंड के सहायक अभियंता एनपी सिंह ने बताया कि पानी की मांग अभी नहीं है। पानी उफनाकर नहरों में चल रहा है। नहरों के सभी गेट टूटे हैं। अप्रैल तक सब ठीक करा दिया जाएगा।