सराहा तो किसी ने कहा बेहतरीन नहीं
शुक्रवार को केंद्र सरकार ने आम बजट पेश किया। सबकी निगाहें इसी पर थी।
रायबरेली : शुक्रवार को केंद्र सरकार ने आम बजट पेश किया। सबकी निगाहें इसी पर थी। व्यापारी, किसान, गृहणी, कर्मचारी, सब के सब बजट का इंतजार करते रहे। बड़ी उम्मीदों के साथ हर कोई टीवी से चिपका रहा। मगर, जब बजट आया तो कोई उसे समझा तो कोई समझ ही नहीं पाया। हर खासोआम के लिए महत्वपूर्ण डीजल-पेट्रोल, किताबें, सोना और मार्बल व टाइल्स महंगा हो गया है। होम लोन में छूट तो मिली। लेकिन, दूसरी चीजों पर महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। एक तरफ दो करोड़ की आय पर तीन फीसद अधिक टैक्स लगाकर व्यापारियों पर बोझ बढ़ाया। दूसरी तरफ तीन करोड़ व्यापारियों को पेंशन देने का ऐलान हुआ। लेकिन, इसका भी लाभ सबको नहीं मिल सकेगा। ओवरऑल गरीबों पर जहां महंगाई का सीधा असर पड़ेगा। वहीं मध्यम वर्ग के हाथ भी इस बजट से मायूसी ही लगी है। बजट पर जब अलग-अलग लोगों से बात की गई तो सबकी राय अलग-अलग रही। युवाओं ने बताया महंगाई बढ़ाने वाला बजट
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सर्वोदय नगर के केतन और शिवाजी नगर की रीतू सिंह ने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए बजट निराशाजनक रहा। गांवों में साक्षरता बढ़ाना ठीक है। मगर, वह धरातल पर होना चाहिए। शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर जोर देते तो ज्यादा बेहतर होता। पुलिस लाइन की शिखा वाजपेयी और शक्ति नगर के अतुल शर्मा ने कहा कि महंगाई से पहले ही लोग परेशान थे। यह अब बजट उनकी मुश्किलें और बढ़ाएगा। सबसे ज्यादा असर पेट्रोल-डीजल के महंगे होने का पड़ेगा।
महिलाएं भी हई निराश
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महिलाएं भी इस बजट से निराश ही नजर आईं। शहर के अंबेडकर नगर की स्मिता श्रीवास्तव और इंदिरा नगर की भाविका सिंह रसोई गैस समेत अन्य खाने-पीने की चीजों के दाम घटने चाहिए थे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। डलमऊ क्षेत्र के घुरवारा की रहने वाली ज्योति सोनी और लालगंज कस्बे के अंबे नगर की आकांक्षा त्रिवेदी कहती हैं कि गरीबों और मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाने वाली जैसी कोई बात इस बजट में नहीं रही। कटौती नहीं हुई तो कोई विशेष लाभ भी नहीं दिया गया। खुश तो कोई दिखा मायूस
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बजट को लेकर बछरावां के किसान रामशरण चौधरी ने कहा कि बजट किसानों की आय बढ़ाने वाला है। गांवों का विकास होगा। साक्षरता बढ़ेगी। सबके पक्के मकान होंगे। बिजली मिलेगी। पानी का संकट दूर होगा। डलमऊ के चक मलिक भीटी के किसान रवींद्र गौड़ ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के वादे हो रहे हैं। इस बार भी किसानों के हाथ कुछ नहीं लगा। लालगंज क्षेत्र के पूरे बाबा मजरे सेमरपहा गांव के बबलू वाजपेयी ने कहा कि किसानों के हित में और बेहतर कदम उठाए जाने चाहिए थे। ऊंचाहार के सादे की बाजार के सागर पाल का कहना है कि न ता खाद-बीज सस्ते हुए और न कृषि यंत्र। फसल के दाम भी नहीं बढ़ाए गए। आखिर किसान की आय कैसे बढ़ेगी। समझ नहीं आ रहा है। बजट से व्यापारी दिखे संतुष्ट
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सब्जी मंडी के कपड़ा व्यवसायी गुरजीत सिंह ने कहा कि व्यापारिक नजरिए से बजट बढि़या रहा। मगर, कुछ कमियां रह गईं जिन्हें दूर करने की जरूरत है। उम्मीद है सरकार आगे सुधार लाएगी। कचहरी रोड पर इलेक्ट्रॉनिक सामान का व्यापार करने वाले अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि टैक्स न बढ़ने से मध्यम वर्ग के व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। पेंशन देने की योजना बढि़या है। सुपर मार्केट के दवा व्यवसायी राकेश पांडेय ने बजट को बराबरी का बताया। कहा कि बहुत फायदा नहीं तो व्यापारियों का नुकसान भी नहीं हुआ है। शिवाजी नगर के मोनू ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम परेशानी बढ़ाएंगे। इससे महंगाई बढ़ेगी।