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रायबरेली में उलटी बही गंगा, मायके में बैठी कन्या ने दहेज में मांगी बाइक

विवाहिता व उसके घरवालों ने वर पक्ष के सामने बाइक देने की मांग रखी। पति तथा ससुराल के लोग कई बार उसे विदा कराने गए मगर मांग पूरी न करने पर उन्हें वापस लौटना पड़ा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 01:18 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 01:38 PM (IST)
रायबरेली में उलटी बही गंगा, मायके में बैठी कन्या ने दहेज में मांगी बाइक
रायबरेली में उलटी बही गंगा, मायके में बैठी कन्या ने दहेज में मांगी बाइक

रायबरेली (जेएनएन)। विवाह के दौरान वर पक्ष की दहेज में बड़ी डिमांड के कारण अक्सर शादी टूट जाती है। रायबरेली में मामला उलटा ही है, यहां पर कन्या पक्ष ने वर पक्ष के सामने दहेज में बाइक की डिमांड रख दी।

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साइकिल पर बैठकर रिश्तेदारों के घर जाने में शर्म महसूस करने वाली बहू ने ससुरालीजन से दहेज में बाइक मांगी है। वह बाइक लेने की जिद को लेकर छह महीने से ससुराल नहीं गई है। मामला अब पुलिस के पाले में हैं।

रायबरेली के कोतवाली क्षेत्र में एक विवाहिता ने ससुराल के लोगों के सामने बाइक की डिमांड रख दी है। अभी तक वर पक्ष के दहेज मांगने के मामले तो सामने आते हैं, लेकिन अगर कन्या पक्ष भी कुछ वैसी ही मांग रख दे तो सुनने में बेहद अजीब लगेगा।

रायबरेली में एक दुल्हन ने दहेज की मांग करके लड़के वालों के साथ सभी को हैरान कर दिया है। मामला कोतवाली पहुंचने के बाद पता चला कि बहू ने ससुरालीजनों से बाइक की मांग की है। बहू ने कहा कि साइकिल से नातेदारी-रिश्तेदारी, बाजार, शहर आने-जाने में बेहद शर्म महसूस होती है। इसके कारण अब घर में बाइक होनी ही चाहिए। मांग पूरी न होने पर वह छह माह से अपनी ससुराल भी नहीं गई। इस अनोखे मामले में सुलह का रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा था। कोतवाल ने बताया कि दोनों पक्षों को आपसी बातचीत से हल निकालने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही दोनों पक्षों के बड़े-बुजुर्गो में बातचीत हो रही है।

रायबरेली के कोतवाली क्षेत्र के एक गांव के युवक की शादी करीब एक साल पहले पास के गांव की युवती से हुई थी। शादी के बाद छह माह तक सब ठीकठाक रहा। उसके बाद जब विवाहिता विदा होकर मायके गई तो वहां से ससुराल नहीं लौटी। विवाहिता व उसके घरवालों ने वर पक्ष के सामने बाइक देने की मांग रखी। पति तथा ससुराल के लोग कई बार उसे विदा कराने गए मगर मांग पूरी न करने पर उन्हें वापस लौटना पड़ा।

इसके बाद कहा गया कि साइकिल से नातेदारी-रिश्तेदारी, बाजार, शहर आने-जाने में शर्म महसूस होती है। गांव में जाति-बिरादरी ने पंचायत भी कराई पर नतीजा सिफर रहा। कई बार प्रयास के बावजूद जब मायके वाले नहीं माने तो ससुराल वाले कोतवाली पहुंच गए। विवाहिता की सास का आरोप है कन्या पक्ष के लोग उनकी बहू की विदाई नहीं कर रहे हैं। वह लोग चाहते हैं कि वर पक्ष पहले उनकी बेटी के नाम एक बाइक खरीदकर दे, तभी वे लड़की की विदाई करेंगे। बहू भी अपने मायके वालों के साथ है और वह खुद भी बिना बाइक के तो अब ससुराल जाने को तैयार नहीं है। फिलहाल, तो कोतवाल ने कन्या पक्ष को कोतवाली बुलाया है। 


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