114 केंद्रों पर होगी बोर्ड परीक्षा
रायबरेली : हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए केंद्रों की अंतिम सूची सोमवार की देर
रायबरेली : हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए केंद्रों की अंतिम सूची सोमवार की देर शाम जारी कर दी गई। इस बार जिले के 114 विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इसके साथ ही कई दिनों से चली आ रही उहापोह की स्थिति समाप्त हो गई। नई सूची में 10 और विद्यालय के नाम शामिल किए गए हैं।
यूपी बोर्ड परीक्षा 2019 परीक्षा को नकल विहीन कराने के लिए इस बार ऑनलाइन डाटा विद्यालयों से भरवाया गया था। इसके तहत सीसी कैमरे के साथ वायस रिकॉर्डर भी अनिवार्य कर दिया गया। अनंतिम सूची में 103 विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। इसमें 60 से अधिक आपत्तियां दी गई। डीएम के अनुमोदन के बाद उन्हें उच्चाधिकारियों को भेजी गईं। प्रयागराज में बोर्ड परीक्षा कमेटी की बैठक के बाद अंतिम सूची जारी कर दी गई। डीआइओएस डॉ. चंद्रशेखर मालवीय ने बताया कि अंतिम सूची जारी हो गई है। सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दे दिए गए हैं। इनसेट
इन विद्यालयों को मिला मौका
एडी इंटर कॉलेज रायबरेली, आरआर ¨सह वैदिक इंटर कॉलेज, एनएसपीएस, नगर पालिका परिषद बालिका इंटर कॉलेज, शांतिनिकेतन विद्यापीठ उच्च् माध्यमिक विद्यालय गढ़ी मुतवल्ली, बीबीपी इंटर कॉलेज देदौर, जनता इंटर कॉलेज हरदासपुर, गायत्री इंटर कॉलेज रूस्तमपुर, उर्मिला इंटर कॉलेज, इस्लामियां इंटर कॉलेज मकबूलगंज राही, संत कंवरराम इंटर कॉलेज, वीनापाणि इंटर कॉलेज, सत्य नारायनी इंटर कॉलेज, चौधरी दीनदयाल पटेल इंटर कॉलज रतापुर, जीजीआइसी देवानंदपुर, जीआइसी, श्रीगांधी इंटर कॉलेज, गौतमबुद्ध इंटर कॉलेज, जवाहर राजकीय इंटर कॉलेज सेमरी, जीजीआइसी बछरावां, जीआइसी हलोर, आशीर्वाद इंटर कॉलेज, लाल ऋषि कन्या इंटर कॉलेज, जीजीआइसी आदि शामिल है। नहीं आया काम तिकड़म
परीक्षा केंद्र बनवाने को लेकर प्रबंधतंत्रों का तिकड़म काम नहीं आ सका। यही वजह रही कि इस बार कई नामचीन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया। हालांकि प्रयास काफी किया गया, लेकिन ऑनलाइन फी¨डग के दौरान दी गई सूचना के आधार पर ही केंद्र बनाए गए। इसके चलते उन्हें मायूसी हाथ लगी। अभी भी कई विद्यालयों में संसाधन अधूरे
निदेशालय की ओर से जारी मानक के अनुसार अभी भी कई परीक्षा केंद्रों में खामियां हैं। खासतौर पर ग्रामीण अंचल के विद्यालयों में सबसे बड़ी समस्या बिजली की है। यहां पर कनेक्शन तो है, लेकिन कटौती के चलते परीक्षार्थियों को समस्या से जूझना पड़ सकता है। इन विद्यालयों में जनरेटर की व्यवस्था भी नहीं है।