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गिरफ्तारी तो दूर शांतिभंग की कार्रवाई तक नहीं

ऊंचाहार (रायबरेली) : मंदिर की बेशकीमती जमीन महंत के लिए काल बन गई। पांच वर्ष तक महंत और

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 12:20 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 12:20 AM (IST)
गिरफ्तारी तो दूर शांतिभंग की कार्रवाई तक नहीं
गिरफ्तारी तो दूर शांतिभंग की कार्रवाई तक नहीं

ऊंचाहार (रायबरेली) : मंदिर की बेशकीमती जमीन महंत के लिए काल बन गई। पांच वर्ष तक महंत और स्कूल प्रबंधक के बीच जंग चली। दोनों तरफ से लगभग आधा सैकड़ा बार शिकायत की गई। दोनों के खिलाफ संगीन धाराओं में आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमें भी दर्ज हुए। लेकिन पुलिस ने एक बार भी किसी के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई तक नहीं की। गिरफ्तारी की बात तो बहुत दूर है। अब जब महंत की हत्या कर दी गई तो पुलिस की कुंभकर्णी नींद टूटी। मगर हत्या का मुख्य आरोपित अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर है।

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सिर्फ दिसंबर में हुए घटनाक्रम पर नजर डालने भर से सारी हकीकत सामने आ जाती है। 18 दिसंबर को कालेज प्रबंधक बैजनाथ मौर्य ने पुलिस अधीक्षक और कोतवाल को एक शिकायती पत्र के साथ सीडी भी सौपी। जिसमें महंत प्रेमदास पर मंदिर के लाउड स्पीकर से उनके स्कूल में तोड़फोड़ करने के लिए लोगों को उकसाने का आरोप लगाया गया। 19 दिसंबर को फिर एक शिकायती पत्र कालेज के प्रधानाचार्य ने दिया। बताया कि कालेज के प्रांगण में एक टेंपो घुस आया। टेंपो में लाउड स्पीकर बांधकर कालेज की बि¨ल्डग गिराने का एनाउंसमेंट किया जा रहा था। इस मामले में पुलिस ने टेंपो चालक का 151 में चालान किया लेकिन मुकदमा नहीं लिखा।

हत्यारोपित पर धोखाधड़ी का मुकदमा

उससे पहले कालेज के पास के गांव पूरे गुरुदत्त निवासी राम पियारे ने बैजनाथ मौर्य के विरुद्ध धोखे से कागज पर हस्ताक्षर कराने और उनकी जमीन हड़पने की साजिश व एससीएसटी एक्ट का मुकदमा 29 नवंबर को कोतवाली में लिखाया था। जिसकी विवेचना सीओ डलमऊ कर रहे हैं। लेकिन इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मुख्य आरोपित की खोज खबर नहीं

महंत हत्याकांड के मामले में बैजनाथ मौर्य, मंदिर के पुजारी बाबा राम स्वरूप दास, गांव के अमृतलाल और संजीव कुमार को नामजद किया गया था। पुलिस संजीव कुमार, अमृतलाल, आशा देवी, अमृतलाल की पत्नी राज कुमारी, संजीव कुमार की पत्नी रीता और बैजनाथ मौर्य की पत्नी सत्य भामा को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इन महिलाओं पर मृतक पुजारी प्रेमदास के विरुद्ध साजिश रचने का आरोप है। मुख्य आरोपित बैजनाथ मौर्य की तलाश में पुलिस फतेहपुर, कौशांबी, लखनऊ तक की खाक छान चुकी है। बैजनाथ के करीबी लोगों के ज्यादातर मोबाइल सर्विलांस पर लगे हुए हैं, लेकिन कहीं से कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है।

कोट

बैजनाथ के खिलाफ धोखाधड़ी का जो मुकदमा दर्ज हुआ था, उसमें राजस्व की रिपोर्ट नहीं मिली थी। इस वजह से कार्रवाई नहीं हुई। अन्य मामलों में पुलिस ने क्यों एक्शन नहीं लिया, इस बाबत ऊंचाहार कोतवाल ही बता सकते हैं।

-विनीत ¨सह, क्षेत्राधिकारी डलमऊ


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