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कांग्रेस की हार से नाराज प्रियंका ने कहा- कार्यकर्ताओं ने दिल लगाकर मेहनत नहीं की

लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के दयनीय प्रदर्शन से पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा बेहद नाराज हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 06:51 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 06:52 PM (IST)
कांग्रेस की हार से नाराज प्रियंका ने कहा- कार्यकर्ताओं ने दिल लगाकर मेहनत नहीं की
कांग्रेस की हार से नाराज प्रियंका ने कहा- कार्यकर्ताओं ने दिल लगाकर मेहनत नहीं की

रायबरेली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के दयनीय प्रदर्शन से पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा बेहद नाराज हैं। रायबरेली में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ एक दिन के दौरे पर आईं प्रियंका कार्यकर्ताओं पर ही भड़क गईं। उन्होंने कहा कि आपने चुनावों में दिल से काम ही नहीं किया।

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प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि मैं यहां भाषण नहीं समीक्षा कर, अपनी भावनाओं को प्रकट करना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि आपने समर्थन दिया, लेकिन सच्चाई कड़वी लगेगी। इस चुनाव में सिर्फ रायबरेली की जनता ने सोनिया गांधी को जिताया है। आप लोगों का योगदान जीरो है। प्रियंका ने कल सोनिया गांधी के साथ भुएमऊ गेस्ट हाउस में नेता-कार्यकर्ता सबसे अलग-अलग मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस ने चिंतन मंथन बैठक में 2022 के प्रदेश में विधानसभा चुनावों पर चर्चा की।

हमेशा मुस्कुराती दिखने वाली प्रियंका तल्ख नजर आ रही थीं। उन्होंने कहा जिन्होंने सोनिया गांधी की जीत के लिए मेहनत की हैं। वह लोग यहां मौजूद हैं। जान भी रहे होंगे। उन्होंने कहा कि जिन्होंने साथ नहीं दिया है। समीक्षा में ऐसे लोगों को चिन्हित करेंगी। संगठन से जो उम्मीदें थी, वह अपेक्षा पूरी नहीं हो पाई। इस जीत का श्रेय सिर्फ रायबरेली की जनता को है।

उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप सभी लोगों में से जिसने दिल से काम किया है, उसकी जानकारी आप सबको है और यहां जिसने दिल से काम नहीं किया, उसकी जानकारी मैं करूंगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि मैंने हमेशा कहा कि चुनाव संगठन लड़ाता है। अपना मन बना लीजिए, दिल से काम करना है, तो संघर्ष करना पड़ेगा।

इस दौरान कांग्रेस ने चिंतन मंथन बैठक में 2022 के प्रदेश में विधानसभा चुनावों पर चर्चा की। चुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग हुई। पार्टी नेताओं ने हार के सदमे से उबरने की खातिर तत्काल नई ऊर्जा से संगठन को मजबूत बनाने में जुटने की भी बात कही। उत्तर प्रदेश की अब 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव में हुई पराजय को अनदेखा कर कांग्रेस अब इन सीटों के लिए खुद को तैयार कर रही है। इस समीक्षा बैठक में इस पर भी मंथन हुआ। 12 सीटों पर उपचुनावों में पूरी ताकत के साथ उतरेगी।

भुएमऊ गेस्ट हाउस में 40 जिलों के हारे पार्टी प्रत्याशियों और जिलाध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक में प्रियंका गांधी ने कहा हमें पता है कई कार्यकर्ताओं ने दिल से काम नहीं किया। उन्होंने ने हार का ठीकरा कार्यकर्ताओं पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं ने दिल से काम नहीं किया। इसके बाद उन्होंने सभी की हौसला आफजाई की और लोकसभा चुनाव में मिली हार को भूलकर नए सिरे से पार्टी को ताकतवर बनाने में जुटने का आह्वान भी किया।

कांग्रेस की सी समीक्षा बैठक में सुल्तानपुर से पार्टी के प्रत्याशी रहे डॉ. संजय सिंह, उन्नाव से अनु टंडन और बहराइच की प्रत्याशी रही सावित्री बाई फुले समेत अन्य प्रत्याशियों ने हार की वजह प्रियंका के सामने रखी। प्रियंका ने उनसे पूछा कि क्या संगठन का साथ नहीं मिला। जनता ने कांग्रेस के बजाय भाजपा का सपोर्ट क्यों किया। क्या मुद्दे रहे। मायावती और अखिलेश यादव के गठबंधन से पार्टी पर क्या फर्क पड़ा। सभी ने इन मुद्दों पर अपनी बात भी रखी।

सोनिया गांधी और प्रियंका वाड्रा दोनों एक मंच पर एक साथ मौजूद रहीं। सामने हजारों कार्यकर्ता बैठे थे। गिने-चुने पार्टी नेता मंच पर भी बैठे और खड़े रहे। सबके जेहन में एक बात कौंध रही थी कि सांसद क्या बोलेंगी और पार्टी महासचिव का संदेश कैसा होगा। आभार कार्यक्रम अपने रौं में आया तो सबसे पहले सोनिया गांधी बोलने आईं। उन्होंने रिश्तों की अलख जगाते हुए रायबरेली को अपनी कर्मभूमि बताया। मगर जब प्रियंका आईं तो वे तल्ख तेवर में दिखीं। उन्होंने साफ शब्दों में संगठन को आइना दिखा दिया। सम्मान और आभार दोनों का दौर चला। फिर सोनिया ने स्थानीय रिश्तों को साधते हुए कहा कि हमारा रिश्ता स्वार्थ की नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस चुनाव में छल प्रपंच सहित उचित अनुचित सबकुछ सत्ता पाने की खातिर किया गया।

15 को दिल्ली में सौंपी जा सकती है रिपोर्ट

पूर्वी उत्तर प्रदेश की समीक्षा लगभग मुकम्मल हो गई है। 14 जून को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की समीक्षा भी हो जाएगी। कांग्रेसी खेमे में इस बात की सुगबुगाहट है कि 15 तारीख को दिल्ली में दोनों समीक्षा रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंप दी जाएगी। यह भी चर्चा है कि उसके बाद उत्तर प्रदेश के संगठन पर बड़े पैमाने पर फेरबदल हो सकता है। 

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