बाधाओं को पार कर सौगात देने को तैयार 'अमृत'
रायबरेली : कोरोना महामारी हो या फिर बजट का संकट। न जाने कितनी बाधाएं आईं, लेकिन सबको पार करते हुए अमृत योजना का फेज एक और दो का कार्य पूरा हो चुका है। वर्तमान में टेस्टिंग की जा रही है। सितंबर पूरा होते ही करीब 40 हजार आबादी को सीवर की सौगात मिल जाएगी। इसको लेकर जल निगम नगरीय इकाई और नगर पालिका परिषद ने पूरी तैयारी कर ली है।
खुशियों की सौगात लेकर आयी अमृत योजना
यहां सबसे बड़ी समस्या वाटर ड्रेनेज की है। वहीं सीवर लाइन से बमुश्किल से शहर का 20 प्रतिशत हिस्सा ही जुड़ा हुआ था। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। केंद्र सरकार की सक्रियता और राज्य सरकार के प्रयास के बाद अमृत योजना को हरी झंडी मिली। इसके बाद फेज एक का कार्य 23 अप्रैल 2018 से शुरू हुआ। अमृत योजना शहर वासियों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आयी है।
कोरोना महामारी में एक साल पीछे प्रोजेक्ट
अमृत योजना की राह में सबसे बड़ा संकट कोरोना महामारी का रहा। करीब छह महीने तक काम प्रभावित हुआ। इसके चलते प्रोजेक्ट एक साल पीछे चला गया। शासन से इसके समाप्ति का समय 31 मई 2021 तय किया गया था। बाद में पहले तीन महीने और उसके बाद फिर तीन महीने बढ़ा दिया गया। जल निगम के जेई प्रदीप कुमार ने बताया कि फेज एक और दो का कार्य पूरा हो चुका है। करीब दो हजार घरों को जोड़ दिया गया है। वर्तमान में टेस्टिंग किया जा रहा है। सितंबर में इसे पूरी क्षमता से शुरू कर दिया जाएगा।
अमृत योजना पर एक नजर
परियोजना का नाम - स्वीकृत लागत - अवमुक्त धनराशि - कार्य की प्रगति
रायबरेली सीवरेज योजना फेज एक- 49.8338 - 43.0916 करोड़ - 100 प्रतिशत
रायबरेली सीवरेज योजना द्वितीय चरण- 62.0527 - 53.1954 करोड़ - 100 प्रतिशत
फीकल स्लज प्रबंधन कार्य - 4.7208 - 3.8670 करोड़ - 100 प्रतिशत
रायबरेली सीवरेज योजना फेज तीन - 187.1741 - 30.7650 करोड़ - 12 प्रतिशत
वर्जन
वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या वाटर ड्रेनेज की है। अमृत योजना से सीवर का कार्य चल रहा है। इसके पूरा होने के बाद शहरवासियों की काफी मुश्किलें आसान हो जाएगी। स्वच्छ भारत मिशन को बल मिलने के साथ ही स्वच्छता रैंकिग भी बेहतर होगी।
-पूर्णिमा श्रीवास्तव, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद
फेज एक और दो का कार्य शत-प्रतिशत पूरा हो चुका है। अक्टूबर में टेस्टिंग पूरा हो जाएगा। वर्तमान में फेज तीन के कार्य की प्रगति करीब 12 प्रतिशत है। कार्य तेजी से हो इसको लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है।
अवध किशोर, सहायक अभियंता, जल निगम नगरीय क्षेत्र