नए साल में 40 हजार आबादी को अमृत की सौगात
अमृत योजना से सिविल लाइंस क्षेत्र में नए सीवर लाइन का चल रहा कार्य कार्यदायी संस्था जल निगम को 31 मई 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य
रायबरेली : शहर वासियों के लिए नया साल खुशियों भरा होगा। पिछले दो साल से अमृत योजना से चल रहा सीवर लाइन डालने का कार्य आधा से ज्यादा पूरा हो चुका है। सबकुछ ठीक रहा तो इससे जुड़े 20 मुहल्लों की करीब 40 हजार आबादी की मुश्किल आसान हो जाएगी। इससे शहर की जल निकासी व्यवस्था बेहतर होगी। वहीं स्वच्छता की मुहिम को भी बल मिलेगा।
गौरतलब है कि अभी तक शहर में पुरानी सीवर लाइन ही थी। इससे बमुश्किल से 20 प्रतिशत हिस्सा ही जुड़ा हुआ था। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। केंद्र सरकार की सक्रियता और राज्य सरकार के प्रयास के बाद अमृत योजना को हरी झंडी मिली। 23 अप्रैल 2018 से कार्य शुरू हुआ। इसके समाप्ति का समय 31 मई 2021 तय की गई। वर्तमान में 65 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। शुरुआती दौर में आई अड़चने भी दूर हो गई हैं। अब कार्य जहां तेजी से कराया जा रहा है। वहीं प्रमुख मुहल्लों में सीवर लाइन भी डाली जा चुकी है।
इन मुहल्लों को मिलेगा लाभ
नई सीवर लाइन का लाभ शहर के 20 से ज्यादा मुहल्लों को मिलेगा। सिविल लाइंस, गोरा बाजार, मनिका टाकीज रोड, बरगद चौराहा, नारायण नगर, राजकीय कॉलोनी, सम्राट नगर, शिवाजी नगर, कृष्णा नगर, तिलक नगर, ग्रिब शाह का पुरवा, बस्तेपुर, आंशिक गांधी नगर, सिंह विहार कॉलोनी आदि मुहल्ले शामिल हैं।
अमृत योजना से नगर पालिका परिषद में चल रहा कार्य
परियोजना का नाम - स्वीकृत लागत - अवमुक्त धनराशि - कार्य की प्रगति
रायबरेली सीवरेज योजना फेस एक- 49.83 - 41.32 करोड़ - 65 प्रतिशत
रायबरेली सीवरेज योजना द्वितीय चरण- 62.05 - 50.98 करोड़ - 55 प्रतिशत
फीकल स्लज प्रबंधन कार्य - 4.72 - 0.77 करोड़ - 35 प्रतिशत
रायबरेली सीवरेज योजना पार्ट तीन - 187.17 - 30.76 करोड़ - --
कोट
अमृत योजना से फेस एक का कार्य पूरा होने से करीब 20 मुहल्लों को लाभ मिलेगा। इससे स्वच्छ भारत मिशन को बल मिलेगा। साथ ही स्वच्छता रैंकिग भी बेहतर होगी। दूसरे फेस के लिए भी बजट मिल गया है।
-पूर्णिमा श्रीवास्तव, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद फेस एक में सीवर की मुख्य लाइन लगभग पड़ चुकी है। वर्तमान में आधा से ज्यादा कार्य कराया जा चुका है। मौसम के कारण कुछ लेटलतीफ हुआ था। इसकी भरपाई कर ली गई है। तय समय पर कार्य पूरा होने की पूरी संभावना है।
-सनी सिंह, एक्सईएन, जल निगम