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घर के न घाट के रहे 16 पुरवे

परशदेपुर (रायबरेली) परिवर्तन विकास को जन्म देता है। इसी सोच के साथ नगर पंचायत नसीराबाद का

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 12:27 AM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 12:27 AM (IST)
घर के न घाट के रहे 16 पुरवे
घर के न घाट के रहे 16 पुरवे

परशदेपुर (रायबरेली) : परिवर्तन विकास को जन्म देता है। इसी सोच के साथ नगर पंचायत नसीराबाद का दो साल पहले गठन हुआ, मगर इस टाउन एरिया के अस्तित्व में आने के बाद आसपास के 16 पुरवों के दुर्दिन शुरू हो गए। पहले नसीराबाद एक ग्राम पंचायत थी। 21 पुरवों की इस ग्राम पंचायत की आबादी 18 हजार से अधिक थी। इलाके के विकास की खातिर दो साल पहले नसीराबाद को नगर पंचायत बना दिया गया। ग्राम पंचायत पांच पुरवों को शामिल किया गया था। नगर पंचायत के गठन के साथ ही ग्राम पंचायत भंग हो गई। ग्राम प्रधान समेत पंचायत के 23 जनप्रतिनिधि पदमुक्त हो गए थे। इससे शेष बचे 16 नगर पंचायत लावारिश हो गए। बजट मिलता है न कोई काम होता है। यहां विकास पूरी तरह से थमा हुआ है, मगर कोई देखने वाला नहीं। जबकि वक्त महीने दो महीने का नहीं, दो साल का बीत चुका है। इससे ग्रामीणों में नाराजगी है।

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नगर पंचायत पर एक नजर

नसीराबाद को बीते 29 दिसंबर 2016 में नगर पंचायत का दर्जा मिला था। नसीराबाद कस्बे के अलावा पूरे मौहरिया, पूरे बिदाताल, पूरे बगराही व लाला बाजार को शामिल किया गया है। नगर पंचायत नसीराबाद में कुल 10000 की आबादी है 15 वार्ड बनाए गए है।

ये हैं वे पुरवे, जहां नहीं हो रहा विकास

नसीराबाद नगर पंचायत के गठन के बाद बेसहारा हुए पुरवों में पूरे तुमनदारिन, पूरे बंधन, पूरे तकी, पूरे बदलदास, पूरे लछनी, पूरे महमूद अली, रायपुर, असगर का पुरवा, दुड़वा, टेंगना, सतपेड़ा गढ़ी, पूरे रम्मा, पूरे चौतर, पूरे खुशियाल, नरायण चौराहा शामिल हैं। इनकी आबादी करीब आठ हजार के आसपास है।

बदहाली का जीवन जीने को विवश ग्रामीण

पूरे तूमनदारिन के तुलसीराम और सुमित्रा का कहना है कि गांव की अधिकांश सड़के कच्ची है। आवागमन में काफी परेशानी होती है। सतपेड़ा के रामसजन और धनराजा का कहना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन करने के बाद भी शामिल नहीं किया गया। आज भी कच्चे आवास में रहना पड़ रहा है।

कोट

अभी इस ब्लॉक में हमे आये हुए चार दिन हुए हैं। जो पुरवे बचे हैं इन्हें आसपास की ग्राम सभा में जोड़कर विकास कराया जाएगा।

-विजयंत सिंह, बीडीओ, छतोह


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