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ट्रू नॉट मशीन से 19 दिन में कोरोना की 153 जांचें

वार्ड ब्वॉय समेत अब तक पांच लोगों की प्रिवेंटिव रिपोर्ट आई पॉजिटिव एक बीमार अमेठी का जिला अस्पताल में मशीन लगने के बाद 1.30 घंटे में मिल रही रिपोर्ट अब रोजाना 20 जांचें

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 12:25 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 06:10 AM (IST)
ट्रू नॉट मशीन से 19 दिन में कोरोना की 153 जांचें
ट्रू नॉट मशीन से 19 दिन में कोरोना की 153 जांचें

रायबरेली : कोरोना महामारी के दौर में ट्रू नॉट मशीन बेहतर रिजल्ट दे रही है। महज डेढ़ घंटे में दो लोगों की जांच पूरी हो जाती है। छह जून से अब तक जिला अस्पताल में इस मशीन द्वारा 153 लोगों की जांच की जा चुकी है। जिनमें से पांच की प्रिवेंटिव रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इन सभी का इलाज कोविड अस्पतालों में चल रहा है।

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शुक्रवार को वार्ड ब्वाय समेत तीन लोग प्रिवेंटिव जांच में कोरोना संक्रमित मिले थे। जिनमें से अमेठी के पूरे रामदीन निवासी एक युवक भी शामिल है। इस संबंध में अमेठी के सीएमओ को सूचना भेज दी गई। दूसरा शख्स ऊंचाहार के जमुनापुर ईश्वरदासपुर का है। उसे कई दिनों से बुखार आ रहा था। वह भी शुक्रवार को ओपीडी में इलाज कराने आया। संदिग्ध मिलने पर उसकी जांच कराई गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसको एल-3 फैसिलिटी सेंटर एसजीपीजीआइ रेफर कर दिया गया। वार्ड ब्वॉय को एल-1 फैसिलिटी सेंटर में रखा गया है। इन सभी के सैंपल एसजीपीजीआइ जांच के लिए भेजे जा चुके हैं।

डॉक्टर संग स्टाफ की रिपोर्ट निगेटिव : उक्त वार्ड ब्वॉय जिला अस्पताल के एक्सरे विभाग में तैनात था। इसीलिए एक्सरे डिपार्टमेंट संग अल्ट्रासाउंड और टेलीमेडिसिन सेंटर को बंद कर दिया गया। ओटी में भी ताला लटका दिया गया। शुक्रवार से लेकर शनिवार तक स्टाफ के करीब 20 लोगों की जांच हुई, जिनकी प्रिवेंटिव रिपोर्ट निगेटिव आ गई हैं। इसमें जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एनके श्रीवास्तव, डॉ. अल्ताफ हुसैन, डॉ. जयंत, डॉ. जय सिंह, डॉ. वीपी शर्मा, डॉ. दिनेश, सीटी स्कैटन टेक्नीशियन विष्णु मौर्या, एक्सरे टेक्नीशियन भीष्म सिंह, अभिषेक गुप्ता, रश्मी, देवकी आदि शामिल हैं। डॉ. अल्ताफ और डॉ. जयंत को होम क्वारंटाइन किया गया है। स्टाफ को जिला अस्पताल में ही क्वारंटाइन किया जा रहा है।

उपयोगी साबित हो रही मशीन

कोरोना जांच के लिए शुरुआत में एसजीपीजीआइ में पूरी तरह निर्भर रहना होता था। ट्रू नॉट मशीन लगने के बाद कोरोना संग दूसरी बीमारियों से ग्रसित लोगों को राहत मिली है। प्रारंभिक जांच के बाद ही ऑपरेशन की तैयारी की जाती है। इसमें अगर संक्रमण की पुष्टि होती है, तभी उसके सैंपल एसजीपीजीआइ भेजी जाती है। खास बात ये है कि इस मशीन से महज डेढ़ घंटे में दो लोगों की जांच हो जाती है। 19 दिन कार्यदिवस में अब तक 153 लोगों की जांच हो चुकी है।


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