रोडवेज में सांसद व विधायक की सीट बनी 'शोपीस'
रायबरेली : 'सीट' पाने की हसरत में 'नेताजी' वर्तमान समय में खुद को सदैव आगे देखना चाहते है। लेकिन उत

रायबरेली : 'सीट' पाने की हसरत में 'नेताजी' वर्तमान समय में खुद को सदैव आगे देखना चाहते है। लेकिन उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों में सांसद और विधायकों की एक नहीं बल्कि तीन सीटें सुरक्षित होने के बाद भी 'नेताओं' द्वारा वर्षों बीत जाने के बाद भी वहां बैठ यात्रा नहीं की है। जिससे सांसद और विधायकों की सीट रोडवेज बसों में शोपीस बनती जा रही है। इसके बाद भी परिवहन विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
आपने अक्सर देखा होगा कि परिवहन निगम की बसों में सांसद और विधायक की सीट के पास उनका कोटा रिजर्व रखने के लिए लिखवा दिया जाता है। लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि विगत कई वर्षों से सांसद और विधायकों से परिवहन विभाग की सेवा नहीं ली है। इसके कारण उनकी सीटों पर आसानी से आम यात्री अपने गंतव्य की दूरी को तय करते दिखाई देते है। जनपद में पांच विधायक और एक सांसद है। सभी विधायक अपने गनर और लाव-लश्कर के लग्जरी गाड़ियों के आना-जाना पसंद करते है। इसके बाद भी परिवहन विभाग की ओर से विधायकों और सांसद के लिए रोडवेज बस में कुल तीन सीटें आरक्षित रहती है। लेकिन विधायकी के रौब के आगे वर्तमान समय में किसी भी विधायक और सांसद द्वारा रोडवेज बसों से यात्रा करना उन्हें नहीं भाता है। इन परिस्थितियों में बीते कई वर्षों से जिले के विधायक और सांसद ने परिवहन विभाग की सेवा नहीं ली है। इसके कारण विधायक और सांसद की रिजर्व सीटों पर आम आदमी यात्रा करते हुए दिखाई देता है।
सहायक क्षेत्रीय प्रधंबक आरपी ¨सह ने बताया कि परिवहन विभाग की बसों में विधायक और सांसद के तीन सीट (एक रो) आरक्षित रहती है। ताकि वह अपने साथ सुरक्षा गार्डों को भी लेकर चल सके। लेकिन विगत कई सालों से इस सुविधा का लाभ किसी विधायक या सांसद ने नहीं उठाया है।

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