UP Board परीक्षा में एआइ के जरिए की जाएगी निगरानी, शासन स्तर पर गठित कमेटी ने ड्राफ्ट में संशोधन का दिया सुझाव
UP Board Exam यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा-2025 में प्रश्नपत्रों की निगरानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए होगी। शासन स्तर पर गठित कमेटी ने यूपी बोर्ड के ड्राफ्ट में कुछ संशोधन का सुझाव दिया है। कमेटी की बैठक में यूपी बोर्ड के ड्राफ्ट पर चर्चा हुई और जिन बिंदुओं पर संशोधन का सुझाव दिया गया है उसके अनुरूप संशोधन कर यूपी बोर्ड नया ड्राफ्ट तैयार कर महानिदेशालय को भेजेगा।
अवधेश पाण्डेय, प्रयागराज। हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा-2025 में प्रश्नपत्रों की निगरानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के जरिये कराने के लिए यूपी बोर्ड के बनाए प्रारूप (ड्राफ्ट) में कुछ संशोधन का सुझाव गठित कमेटी ने दिया है।
यूपी बोर्ड परीक्षा में केंद्रों के स्ट्रांग रूमों की अहर्निश निगरानी एआइ के जरिये कराने की दिशा में शासन ने एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की सोमवार को लखनऊ में हुई बैठक में यूपी बोर्ड के ड्राफ्ट पर चर्चा हुई। जिन बिंदुओं पर कमेटी ने संशोधन का सुझाव दिया है, उसके अनुरूप संशोधन कर यूपी बोर्ड नया ड्राफ्ट तैयार कर महानिदेशालय को भेजेगा।
मंजूरी मिलने के बाद स्ट्रांग रूम में एआइ से की जाएगी निगरानी
शासन स्तर से मंजूरी मिलने के साथ ही प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए एआइ स्ट्रांग रूमों की निगरानी के लिए तैयार हो जाएगा। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा-2025 के लिए 27,40,151 तथा इंटरमीडिएट में 26,98,446 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इस तरह कुल 54,38,597 परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे।
वर्ष 2024 की परीक्षा में 8265 केंद्र बनाए गए थे, जिनके स्ट्रांग रूमों की निगरानी यूपी बोर्ड ने पहली बार मुख्यालय एवं सभी पांच क्षेत्रीय कार्यालयों में कमांड एंड कंट्रोल रूम बनाकर रात-दिन निगरानी कराई थी।
25 करोड़ से ज्यादा का आ सकता है खर्च
वर्ष 2025 की परीक्षा में केंद्र घटाने की तैयारी के साथ प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए सभी केंद्रों के स्ट्रांग रूमों की निगरानी एआइ से कराने की तैयारी यूपी बोर्ड ने की है, लेकिन इसमें 25 करोड़ रुपये खर्च को ज्यादा मानते हुए कम खर्च के प्रस्ताव के साथ सचिव भगवती सिंह ने पिछले दिनों एक ड्राफ्ट भेजा था।
साथ ही छह हजार विद्यालयों में लगे सीसीटीवी, राउटर, ब्राडबैंड की क्षमता और ब्रांड आदि का विवरण भेजने के साथ सुझाव दिया था कि इसका उपयोग कर एआइ कंपनी/एजेंसी खर्च कम ले। सरकारी एजेंसी ने सत्यापन कर बताया था कि उपकरण एजेंसी द्वारा उपयोग किए जाने योग्य हैं। जहां के उपकरणों में गड़बड़ी हो, वहां एजेंसी अपने संसाधन लगा सकती है।इस क्रम में शासन स्तर से गठित की गई कमेटी ने बैठक में बोर्ड के ड्राफ्ट के प्रत्येक बिंदुओं पर विचार-विमर्श कर सुझाव दिया। अब सुझाव के अनुरूप संशोधित ड्राफ्ट जल्द भेजा जाएगा, ताकि शासन से जल्द मंजूरी मिलने के साथ तैयारी की जा सके।
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