अवमानना में बागपत के सहायक जिला विकास अधिकारी तलब, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिए निर्देश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बागपत के सहायक जिला विकास अधिकारी को अवमानना मामले में तलब किया है। ग्राम विकास अधिकारी प्रेम कुमार के निलंबन के खिलाफ याचिका पर कोर्ट ने मूल रिकॉर्ड पेश न करने पर नाराजगी जताई। प्रेम कुमार के खिलाफ अनियमितता की शिकायत के बाद उन्हें निलंबित किया गया था और उनकी वेतन वृद्धि रोक दी गई थी। कोर्ट ने सीजेएम बागपत को अधिकारी की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवमानना मामले में बागपत के सहायक जिला विकास अधिकारी को तलब किया है। कोर्ट ने ग्राम विकास अधिकारी प्रेम कुमार द्वारा अपने निलंबन के खिलाफ दायर की गई याचिका पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मूल रिकार्ड पेश न किए जाने पर नाराजगी जताई। साथ ही सीजेएम बागपत को सहायक जिला विकास अधिकारी की उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने प्रेम कुमार की याचिका पर दिया है। विकास खंड बड़ौत के वीडीओ प्रेम कुमार के खिलाफ ग्राम प्रधान गूंगाखेड़ी ने अनियमितता की शिकायत की थी। डीडीओ बागपत ने शिकायतों के आधार पर प्रेम कुमार को निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित कर दी।
जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर डीडीओ ने प्रेम कुमार की वर्ष 2025-26 की वेतन वृद्धि स्थायी रूप से रोक दी। इस आदेश को प्रेम कुमार ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। याचिका में कहा गया है कि याची को पक्ष रखने का मौका दिए बिना जो दंडादेश दिया गया है वह नैसर्गिक न्याय का उल्लंघन है।
हाई कोर्ट ने गत 26 मई को विभागीय कार्यवाही का मूल रिकार्ड पेश करने का निर्देश दिया था। स्थायी अधिवक्ता द्वारा कई बार सूचना देने के बाद भी मूल रिकार्ड पेश नहीं किया गया। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए सहायक जिला विकास अधिकारी को मूल रिकार्ड के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया। इस आदेश का भी अनुपालन नहीं होने पर कोर्ट ने सीजेएम बागपत को सहायक जिला विकास अधिकारी की मूल रिकॉर्ड के साथ उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।

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