अष्टभुजा नगर आश्रय से पलायन करने लगीं महिलाएं
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : अफसरों की सघन जांच व सवालों की बौछार से अष्टभुजा नगर आश्रय
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : अफसरों की सघन जांच व सवालों की बौछार से अष्टभुजा नगर आश्रय गृह में रहीं महिलाएं घबरा गई हैं। किसी झमेले और बवाल में फंस जाने का डर उनमें समा गया है। उन्होंने आश्रय से पलायन शुरू कर दिया है।
देवरिया कांड के उजागर होने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने कई बार आश्रय गृहों की हकीकत खंगाली। दोनों जगह महिलाओं के गायब होने की बात सही नहीं निकली, लेकिन सरकारी अनुदान हड़पने के लिए गड़बड़झाला उजागर हुआ। शासन-प्रशासन के कसते शिकंजे को देख अचलपुर आश्रय गृह का संचालक तो संस्था चलाने से तौबा कर इस्तीफा देकर फरार हो गया। उधर अष्टभुजा नगर आश्रय गृह में पता चला है कि सात में से दो महिलाएं यह कह कर चली गई कि यहां रहना मुश्किल हो रहा है। बार-बार पूछताछ हो रही है, हम लोग कष्ट सहकर ही सही, अपने परिवार में पहले की तरह गुजारा कर लेंगी। हमें यह पता ही नहीं था कि यहां इस तरह से छापा पड़ेगा, वर्ना हम आती ही नहीं। वहीं अचलपुर स्थित महिला आश्रय गृह में एक सीडीपीओ, एक दीवान व दो महिला सिपाहियों की ड्यूटी पर तैनात मिलीं। वहां किसी को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था और सन्नाटा पसरा था।
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अब छिपा ही क्या है
दैनिक जागरण टीम ने शुक्रवार को दिन में करीब डेढ़ बजे अष्टभुजा नगर आश्रय गृह का दौरा किया। पोर्टिको में सीडीपीओ लक्ष्मणपुर रजनी मिश्रा फाइलें देखती मिलीं। दरवाजा खटखटाने पर महिला स्टाफ निकली। पूछा, क्या बात है सर.। टीम ने कहा, कुछ नहीं यहां की स्थिति जानने आए हैं। इस पर महिलाएं कहने लगीं कि भला अब छिपा ही क्या है। चारों तरफ तो हम लोगों का ही शोर मचा है। मीडिया में हमारा आश्रय गृह छाया है। पता नहीं क्या होगा। संचालिका भाजपा नेत्री रमा मिश्रा से मिलने का प्रयास टीम ने किया तो बताया गया कि वह यहां नहीं हैं। जरूरी कार्य से कहीं गई हैं। हमें नहीं पता कि कहां गई हैं, कब आएंगी।
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सुरक्षा से खिलावाड़
डीएम ने गुरुवार को स्पष्ट रूप से कहा था कि दो-दो महिला सिपाही व आश्रय गृहों पर सुरक्षा के मद्देनजर रात-दिन तैनात रहेंगी। इस पर अचलपुर आश्रय गृह पर तो दो महिला सिपाही पहुंचीं, पर अष्टभुजा नगर में कोई नहीं पहुंचा। ऐसे में वहां रह रहीं महिलाएं व स्टाफ डरे रहे। स्टाफ को मुख्य गेट पर बार-बार ताला बंद करना पड़ रहा है।