Move to Jagran APP

उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर सुख-सौभाग्य की कामना

प्रतापगढ़ लालिमा बिखेर रहे ऊर्जा से लबरेज भगवान भाष्कर को व्रती महिलाओं ने अ‌र्घ्य देकर सुख सौभाग्य की कामना की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 11:11 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 11:11 PM (IST)
उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर सुख-सौभाग्य की कामना
उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर सुख-सौभाग्य की कामना

प्रतापगढ़ : लालिमा बिखेर रहे ऊर्जा से लबरेज भगवान भाष्कर को व्रती महिलाओं ने अ‌र्घ्य देकर उनकी उपासना की। दोनों हाथ जोड़कर जीवन को सुख, सौभाग्य के प्रकाश से सदा सर्वदा प्रकाशित रखने की कामना की।

loksabha election banner

रविवार को सुबह नगर के बेल्हा देवी धाम में यह दृश्य सबको आकर्षित करने वाला था। अवसर था छठ पूजा के महापर्व का। महिलाओं ने छठ मैया की पूजा करके मंगल होने का आशीष मांगा। छठ पूजन के लिए भारी संख्या में महिलाएं और पुरुष अपने स्वजनों के साथ शनिवार शाम से ही वहां जमा रहीं। डाला यानि पूजा सामग्री से सजी डलिया में सुथनी, पान, साबुत सुपारी, शहद, कुमकुम, चंदन, अगरबत्ती, दूध, जल, गन्ना, नारियल, फल, चावल, सिदूर, दीपक आदि लेकर वह पहले ढलते सूरज को अ‌र्घ्य दिया, फिर वहीं रम गईं। रात को पूरा समय भजन में बीता। छठ मैया को खुश करने के गीत गाए। भोर में पौ फटने के पहले ही महिलाएं नदी में कमर भर पानी में खड़ी हो गई। सर्दी का असर भी था, कोहरा व धुंध की झीनी चादर भी तनी थी लेकिन ठंडा पानी भी उनकी भक्ति व आस्था के आगे बेसअर हो गया। जगत को आलोकित करने आ रहे सूर्य देव को गन्ने व जल के रूप में अ‌र्घ्य दिया। रविवार को पूजा का अंतिम दिन था। उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देने के बाद घर जाकर जलपान कर चार दिवसीय व्रत का पारण किया।

--

चार दिन भक्तिमय रहा घरबार :

छठ महापर्व में चार दिन तक व्रती महिलाओं के घर आंगन के साथ ही मंदिर व बाजारों तक का माहौल भक्ति से भरा रहा। गुरुवार को नहाय-खाय से व्रत शुरू होने के बाद शुक्रवार को खरने की परंपरा निभाई गई थी। इसमें महिलाओं ने मिट्टी के नए चूल्हे पर गुड़ और चावल की खीर बनाकर उसका सेवन किया, घर वालों को भी कराया। इसके साथ ही उन्होंने 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया था।

--

कलाकारों ने भरा जोश :

छठ पूजा को लेकर समिति बनी है। इसके पदाधिकारी पंकज कौशल आदि की देखरेख में शनिवार रात घाट पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झड़ी लगी रही। कलाकारों ने गीत, नृत्य से देवी जागरण किया। चना, हलवा के कई स्टाल भी लगाए गए। घाट को साफ करके सजाया भी गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.