जिरगापुर गांव में अभी भी गूंज रहीं चीखें, हर चेहरे पर गम
सड़क हादसे में 14 लोगों की मौतों से जिरगापुर गांव में दूसरे दिन भी मातम छाया रहा। मृतकों के परिवार के साथ कई घरों के चूल्हे नहीं जले। लोग उस मंजर को नहीं भूल पा रहे हैं। गांव की महिलाएं मृतकों के घर पहुंचकर महिलाओं को ढांढस बंधा रहीं थीं।
संवाद सूत्र, कुंडा : सड़क हादसे में 14 लोगों की मौतों से जिरगापुर गांव में दूसरे दिन भी मातम छाया रहा। मृतकों के परिवार के साथ कई घरों के चूल्हे नहीं जले। लोग उस मंजर को नहीं भूल पा रहे हैं। गांव की महिलाएं मृतकों के घर पहुंचकर महिलाओं को ढांढस बंधा रहीं थीं।
मानिकपुर थाना क्षेत्र के देशराज का इनारा गांव में लखनऊ-प्रयागराज हाईवे पर गुरुवार की रात ट्रक के पीछे बोलेरो घुस गई थी। हादसे में गांव के 14 लोगों की मौत हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे से पूरा गांव सदमे में है। दूसरे दिन शनिवार को भी ग्रामीण सदमे से उबर नहीं सके थे। रह-रहकर उनकी आंखों के सामने बरात से लेकर घटनास्थल और पोस्टमार्टम हाउस का मंजर नाच रहा था। हादसे में किसी ने पिता, पति और बेटा खो दिया है तो किसी का भांजा इस दुनिया से चला गया। हृदयविदारक घटना से मर्माहत ग्रामीण मृतकों के परिवार के लोगों को साहस बंधाने में खुद को असहज महसूस कर रहे थे। पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा रहा।
दिनेश यादव, नान भैया, गौरव कुमार, अभिमन्यु, दयाराम, हिमांशु, बबलू, रामसमुझ, पारसनाथ सहित 13 मृतकों के घर पर शनिवार को भी चूल्हे नहीं जले। हादसे के शिकार नान भैया, बबलू और दयाराम के घर आस-पास ही हैं। इनके घर से चंद कदम की दूरी पर संतराम का मकान है, जिसके बेटे सुनील की शादी थी। अभिमन्यु और मिथलेश भी एक-दूसरे के पड़ोसी थे। गांव में सिर्फ सिसकियां ही सुनाई दे रही थीं। दूसरे दिन भी मृतकों के परिवार वालों को सांत्वना देने के लिए लोगों की आवाजाही जारी रही। गांव की महिलाएं मृतकों के घर पहुंचकर उनके परिवार की महिलाओं को संभालने का प्रयास कर रहीं थीं।
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भाजपा नेताओं ने जताई संवेदना
संसू, कुंडा : जिरगापुर चौंसा गांव के 14 लोगों की सड़क हादसे में हुई मौत की जानकारी होने पर भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्रा, भाजपा नेता अखिलेश द्विवेदी, शीतला प्रसाद सोनकर, कौशांबी के सांसद प्रतिनिधि राजेश मिश्रा राजन, सांसद के मीडिया प्रभारी भूपेंद्र पांडेय समेत भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को देर शाम करेटी गंगा घाट पहुंचकर मृतकों के स्वजनों को ढांढस बंधाया।