कहीं ट्रेन पलटने की साजिश तो नहीं थी..
रेल लाइन को काटने के प्रयास की घटना ने रेल महकमे को सोचने पर विवश कर दिया है। इस हरकत के पीछे कहीं कोई गहरी साजिश तो नहीं है इस पर भी रेलवे की नजर है। आतंकी संगठन या अन्य किसी आंदोलनकारी संगठन के तार तो नहीं जुड़े इस ओर भी जांच की जा रही है। अगर पटरी पूरी तरह कट गई होती तो ट्रेनें पलट सकती थीं।
संवाद सूत्र, कुंडा : रेल लाइन को काटने के प्रयास की घटना ने रेल महकमे को सोचने पर विवश कर दिया है। इस हरकत के पीछे कहीं कोई गहरी साजिश तो नहीं है, इस पर भी रेलवे की नजर है। आतंकी संगठन या अन्य किसी आंदोलनकारी संगठन के तार तो नहीं जुड़े, इस ओर भी जांच की जा रही है। अगर पटरी पूरी तरह कट गई होती तो ट्रेनें पलट सकती थीं।
पटरी को काटने का प्रयास ठीक-ठाक हुआ है। ऊपरी हिस्सा काफी हद तक कट गया है। आधा ही भाग बाकी थी। वह भी कट जाता, लेकिन लगता है कि कोई ट्रेन आ गई होगी, जिससे अराजक तत्व नाकाम हो गए और वहां से भागकर दूसरी व फिर तीसरी जगह वही कृत्य किया। उनकी हरकत सैकड़ों रेल यात्रियों की जिदगी पर भारी पड़ सकती थी। यह कोई साधारण घटना नहीं है। यह बात अलग है कि रेल के अधिकारी इसे साजिश न कहें। उनकी जांच में संदेह के तमाम बिदु शामिल हैं, लेकिन आला अफसरों की मनाही के कारण स्थानीय रेल अफसर अभी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। जबकि पुलिस भी इस घटना की छानबीन अपने स्तर से कर रही है। सीओ के नेतृत्व में कोतवाल डीपी सिंह, मानिकपुर एसओ सुभाष यादव भी अपराधी किस्म के लोगों की लोकेशन का पता लगा रहे हैं। पुलिस को अब तक पटरी काटने के पीछे के फायदा समझ में नहीं आया है। लोग भी कह रहे हैं कि कोई साधारण चोर इतनी बड़ी ्रहरकत नहीं करेगा। मौके पर करीब दो घंटे की जांच पड़ताल के बाद पुलिस चली गई। उसने आसपास मिले चरवाहों से भी पूछताछ की।
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प्रथम ²ष्टया तो यह कुछ नशेड़ी तत्वों की शरारत लग रही है, पर साजिश के नजरिए से भी तहकीकात की जा रही है। रेल पुलिस का पूरा सहयोग जांच में किया जा रहा है। कई तरह के इनपुट लिए जा रहे हैं। हम उन अराजक तत्वों की गिरफ्तारी हल हाल में करेंगे, जिन्होंने यह साजिश की है।
-जितेंद्र परिहार, सीओ कुंडा
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कटे ट्रैक से गुजर गईं दर्जनभर गाड़ियां
पटरी काफी हद तक कट जाने को लेकर महकमे की नींद उड़ी रही। हालांकि रात में हुई इस घटना का पता दे से चल पाने के कारण करीब एक दर्जन गाडियां उसी कटे ट्रैक से पास हो गईं। इनमें पैसेंजर, एक्सप्रेस के साथ ही कई मालगाड़ी भी रही। संयोग अच्छा था कि कोई हादसा नहीं हुआ। जबकि घटना का पता चल जाने के बाद काशन लगा दिया गया। दिन 11.05 मिनट पर लखनऊ से प्रयागराज को जा रही ऊंचाहार एक्सप्रेस आ गई। इसके बाद 11:21 पर प्रयागराज को जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन आ गई। इन गाडियों को ट्रैक मैन वेद कुमार ने धीमी गतिे से काशन पर हरी झंडी दिखाते हुए पास कराया।
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बदली जाएंगी कटी पटरियां
आधा किलोमीटर के बीच तीन जगह कट लग जाने से अब वहां की पटरियां कमजोर हो गई हैं। उनको बदला जाएगा। ट्रैक मैन वेद कुमार ने अपनी रिपोर्ट पीडब्ल्यूआइ को दे दी है। इसमें कहा है कि इन पटरियों का उपयोग हादसे की वजह बन सकता है। ऐसे में क्षतिग्रस्त पटरियों को बदलना जरूरी है।